-कैंपस में हुए बवाल के लिए आईबी व एलआईयू ने भी अपनी रिपोर्ट में बीएचयू प्रशासन को माना दोषी

-छेड़खानी के बाद चल रहे प्रदर्शन को समझाकर खत्म कराने की कही गई थी बात पर इसे किया गया नजरअंदाज

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बीएचयू में 21 सितम्बर से लेकर 24 सितम्बर तक हुए पूरे घटनाक्रम के लिए आईबी व एलआईयू ने भी अपनी रिपोर्ट में बीएचयू प्रशासन को दोषी माना है। रिपोर्ट में ये भी जिक्र किया गया है कि छेड़खानी के बाद उग्र हुई छात्राओं के प्रदर्शन के दौरान बीएचयू प्रशासन को कई बार मौके पर जाकर मामले को समझाकर शांत कराने को कहा गया था लेकिन इसे नजरअंदाज किया गया और किसी ने भी इस बाबत कोई इनीशिएटिव नहीं लिया। जिसके कारण छेड़खानी की हुई इस घटना ने इतना बड़ा रूप ले लिया।

गृह मंत्रालय को भेजी रिपोर्ट

खुफिया विभाग के केन्द्रीय व लोकल विंग दोनों ने इस बाबत अपनी रिपोर्ट गृह मंत्रालय और राज्य सरकार दोनों को भेज दिया है। खुफिया विभाग के सोर्सेज की मानें तो छेड़खानी की घटना के बाद दूसरे दिन सुबह ही माहौल को खराब करने की साजिश शुरू हुई थी। जिसमें एक छात्रा को सिर मुंडवाकर मीडिया के सामने आना और फिर घटना को दूसरा रूप देना था। चूंकि पीएम का आगमन होना था। इसलिए खुफिया विभाग ने इस बाबत बीएचयू प्रशासन से सुबह में ही बात कर ये कहा था कि मामले को अभी खत्म कर लिया जाये तो बेहतर होगा नहीं तो ये खतरनाक रूप ले सकता है। इसके बावजूद बीएचयू प्रशासन ने इस बात को नजरअंदाज किया। जिसका नतीजा ये हुआ कि पीएम का काफिला 22 सितम्बर को लंका चौराहे से नहीं गुजर सका।

गिर सकती है वीसी पर गाज

खुफिया विभाग की रिपोर्ट गृह मंत्रालय को भेजी गई है। जिसके बाद ये माना जा रहा है कि केन्द्र सरकार इस रिपोर्ट को संज्ञान में लेने के बाद बीएचयू प्रॉक्टोरियल बोर्ड के ऑफिसर्स व कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई कर सकती है। साथ में बीएचयू वीसी पर भी कोई सख्त एक्शन हो सकता है। रिपोर्ट में इस बात का भी जिक्र है कि अगर वीसी आवास के बाहर प्रॉक्टोरियल बोर्ड के कर्मचारी लाठीचार्ज नहीं करते तो शायद हालात इतने न बिगड़ते।

Posted By: Inextlive