- नुक्कड़ नाटकों के जरिये BHU students लोगों के जगा रहे हैं पर्यावरण संरक्षण की अलख

VARANASI: जरा सोचिये अगर पानी न हो तो क्या होगा? पानी के लिए आपस में लड़ेंगे। एक-एक बूंद पानी के लिए खून बहेगा। अमीर हो या गरीब सभी पानी के लिए तरसेंगे। इसलिए जरूरी है कि हम चेत जायें और जीवन के जरूरी पानी के हर बूंद को सहेजें। 'सृष्टि संरक्षणम्' के बैनर तले बीएचयू के स्टूडेंट्स ने कुछ इसी तरह सवालों को नुक्कड़ नाटक के माध्यम से उठाया और लोगों को जागरुक किया। अस्सी घाट पर हुए कार्यक्रम में स्टूडेंट्स ने लोगों से पर्यावरण की रक्षा के लिए सचेत हो जाने की अपील की।

पानी से लेकर पॉलिथिन तक की बात

गंगा घाट पर जुटे स्टूडेंट्स ने नाटक में गंगा का मुद्दा उठाया। अपने अभिनय और संवादों के जरिये लोगों को मन को कुरेदा और गंगा की वास्तविक स्थिति का खाका भी खींचा। कहा कि न तो गंगा में कपड़े धोयें और न ही शवों को प्रवाहित करें। कूड़ा-कचरा आदि भी न फेंके नहीं तो गंगा हमसे दूर चली जायेंगी। फिर हमारे में से किसी में भी भगीरथ की काबिलियत नहीं कि उन्हें वापस ला सकें। स्टूडेंट्स ने ग्राउंड वाटर के लगातार गिरते लेवल पर भी अपनी चिंता जताई। स्टूडेंट्स ने लोगों को पॉलीथिन के प्रयोग को लेकर भी आगाह किया। आयोजन में आशीष शुक्ला,अंकिता सिंह पिंटू कुमार, अनुराग पांडेय, मोहम्मद सिकन्दर, स्वाति सिंह आदि शामिल हुए।

Posted By: Inextlive