- SS हॉस्पिटल BHU के डॉक्टर्स ने ऑपरेशन कर सांस की नली में फंसी चाभी को निकाला

- पेशेंट की बचाई जान, दो साल से अटकी थी चाभी की फांस

VARANASI:

सांस की नली में अगर कुछ खाने की चीज फंस जाए तो जान मुसीबत में पड़ जाती है। लेकिन जरा सोचिये, अगर किसी की सांस की नली में लोहे की छह सेंटीमीटर की चाभी फंस जाए तो क्या होगा? आप कहेंगे कि जान तो जानी तय है। लेकिन नहीं भइया ऐसा नहीं है। आईएमएस बीएचयू के डॉक्टर्स के रहते ऐसा नहीं होगा। जी हां, आईएमएस बीएचयू के कॉर्डियोथोरेसिक सर्जरी डिपार्टमेंट के डॉक्टर्स की टीम ने ऐसे ही एक शानदार कारनामे को अंजाम दिया है। उन्होंने फ्0 वर्षीय एक व्यक्ति जिसकी सांस की नली में छह इंच लंबी लोहे की चाभी फंसी हुई थी, सर्जरी कर उसे बचाने में सफलता हासिल की है।

दो साल से फंसी थी चाभी

सर्जरी टीम का नेतृत्व करन वाले डिपार्टमेंट के डॉ। सिद्धार्थ लाखोटिया ने बताया कि दो साल पहले पेशेंट के मानसिक रोग का ट्रीटमेंट चल रहा था। एक दिन वह चाभी मुंह में रखकर सो गया था। वह चाभी उसकी सांस की नली में जाकर अटक गई। उसे खांसी हुई। घरवालों ने उसे किसी झोलाछाप डॉक्टर को दिखा दिया। लेकिल दो साल तक उसकी खांसी यूं ही बनी रही। उसे सांस लेने में भी प्रॉब्लम हो रही थी। कुछ दिन पहले वह एक आयुर्वेदिक डाक्टर के पास गया। जिन्होंने पहली बार उसकी छाती का एक्स-रे करवाया। रिपोर्ट में उसकी सांस की नली में चाभी फंसी होने का पता चला। डॉक्टर ने उसे तुरंत एसएस हॉस्पिटल के लिए रेफर कर दिया।

'काफी कठिन थी सर्जरी'

डॉ। सिद्धार्थ ने बताया कि चाभी को सफलतापूर्वक रिजिड एवं फेक्सिबल ब्रोंकोस्कोप की हेल्प से निकाला गया। यह काफी टफ टास्क था क्योंकि दो साल से नली में पड़ी रहने के कारण चाबी सांस की नली की परतों के अन्दर दब गई थी। मरीज अब सामान्य है। दो दिन बाद अस्पताल से उसकी छुट्टी कर दी जाएगी। डॉक्टर के मुताबिक, पेशेंट का अगर सही वक्त पर ऑपरेशन न किया जाता तो मौत भी हो सकती थी। सर्जरी को अंजाम देने वालों में एनिस्थिसिया डिपार्टमेंट के डॉ। आरबी सिंह व सर्जरी डिपार्टमेंट के स्टाफ मेंबर्स का महत्वपूर्ण योगदान रहा।

Posted By: Inextlive