-BHU के VC प्रो. गिरीश चंद्र त्रिपाठी ने स्टूडेंट्स को पहली बार किया संबोधित

-जगायी देशप्रेम की अलख, भरा देश व समाज के लिए कुछ कर गुजरने का जज्बा

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VARANASI: जीवन में कठिनाइयों का आना नेचुरल है पर इन कठिनाइयों से बिना प्रभावित हुए खुद को निकाल ले जाना यह हम पर निर्भर करता है. इसलिए हमें कठिनाइयों से डरने की जरूरत नहीं है. व्यक्ति दृढ संकल्पित हो तो तमाम तरह की कठिनाइयों का खात्मा अपने आप ही हो जाता है. ये बातें सोमवार को बीएचयू के वीसी प्रो. गिरीश चंद्र त्रिपाठी ने स्टूडेंट्स से कहीं. प्रो. त्रिपाठी वीसी बनने के बाद पहली बार यूनिवर्सिटी के स्टूडेंट्स को स्वतंत्रता भवन में संबोधित कर रहे थे. उन्होंने कहा कि दुर्जनों की दुर्जनता से उतनी हानि नहीं होती जितनी सज्जनों की निष्क्रियता से. इसलिए हर किसी को खुद को सक्रिय करने की जरूरत है जिससे कि दुनिया में अपने देश अपने समाज व अपने यूनिवर्सिटी का नाम रोशन कर सकें.

राष्ट्र शब्द से कराया परीचित

प्रोफेसर गिरीश चन्द्र त्रिपाठी ने स्टूडेंट्स को राष्ट्र शब्द से परीचित कराया. उन्होंने कहा कि यह आपकी जिम्मेदारी है कि आप राष्ट्र निर्माण में खुद को उपयोगी साबित करें. उन्होंने स्टूडेंट्स से यूनिवर्सिटी में ऐसा माहौल बनाने की अपेक्षा जतायी जहां व‌र्ल्ड के किसी भी कोने से आया व्यक्ति खुद के यहां होने पर गर्व महसूस करे. उन्होंने कहा कि क्9वीं शताब्दी का छठवां दशक एक महान दशक था जिसमें तीन महान विभूतियों का अवतरण हुआ जिन्होंने अपने ढंग से राष्ट्र को दिशा दी. इनमें स्वामी विवेकानन्द, महामना पण्डित मदनमोहन मालवीय तथा महात्मा गांधी शामिल हैं. प्रो. त्रिपाठी ने स्टूडेंट्स को वर्तमान समय में उपस्थित चुनौतियों का सामना करने के लिए खुद को सक्षम बनाने की शपथ दिलायी. इसके पूर्व प्रो. त्रिपाठी का संक्षिप्त परिचय प्रो. एसके त्रिगुण ने दिया. धन्यवाद ज्ञापन प्रो. केके सिंह ने किया. कार्यक्रम का समन्वय संयुक्त कुलसचिव सामान्य प्रशासन संजय कुमार ने किया.

Posted By: Vivek Srivastava