तृप्‍ति देसाई उन लोगों में से नहीं है जो बस चाय और कॉफी पीते समय समाज में औरतों के साथ होने वाले भेदभाव और अत्‍याचारों की बात करतीं हैं। वो बोलने से ज्‍यादा कार्य करने में विश्‍वास रखती हैं और यही वजह थी कि उन्‍होंने समाज से महिलाओं के प्रति भेदभाव हटाने के लिए 2010 में भूमाता ब्रिगेड नाम की एक संस्‍था बनाई। आज वो महिलाओं के हक के लिए हर वो काम कर रहीं हैं जो इस देश की हर महिला को करना चाहिए। Angry goddess नाम की एक डॉक्‍यूमेंट्री है जिसको देखकर भूमाता ब्रिगेड को और अच्‍छे से जान जाएंगे आप।

ये है भूमाता ब्रिगेड का लक्ष्य
Angry Goddesses नाम की ये एक शॉर्ट डॉक्यूमेंट्री हैं जिसमें तृप्ति और उनकी संस्था भूमाता ब्रिगेड के लक्ष्य को विस्तार से बताया गया है। इस वीडियो में उन्होंने बताया है कि उनका एकमात्र लक्ष्य है कि महिलाओं को समाज में बराबरी का हक मिले। इस वीडियो को देखकर ऐसा जरूर लगेगा की जो कार्याभारर इन्होंने उठाया है वो हर महिला को उठाना चाहिए। आप भी देखें ये वीडियो और इससे प्रेरणा लें।

 


जीत हासिल हुई
सामाजिक कार्यकर्ता तृप्ति देसाई ने पूने में 2010 में भूमाता ब्रिगेड नाम की एक संस्था बनाई थी। इस संस्था से करीब 6000 महिलाएं और पुरूष जुड़े हुए हैं। इन सबका उद्देश्य समाज में औरतों के प्रति होने वाले अत्याचार और भेदभाव को मिटाना है। भूमाता ब्रिगेड को उस दिन सबसे बड़ी कामयाबी हासिल हुए थी जब उन्होंने महाराष्ट्र के शनि शिंगणापुर मंदिर की चार सौ साल पूरानी परंपरा को खत्म कर के महिलाओं को उनका हक दिलाया था। इस मंदिर में औरतों को भगवान शनिदेव के पास जाकर उनकी पूजा करने का हक नहीं था। लेकिन उस परंपरा के खिलाफ भूमाता ब्रिगेड लड़ी और वो उसमें कामयाब हुई।

 

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Posted By: Ruchi D Sharma