हर लव स्‍टोरी के पीछे कोई न कोई कहानी जरूर होती है। अगर वो लव स्‍टोरी किसी देश के राजा रानी की हो तो कहनी खुद में अहम हो जाती है। कुछ ऐसी ही मोहब्‍बत की दास्‍तांन है भूटान नरेश और उनकी पत्‍नी की। दोनों की कहानी किसी परिस्‍तान की कहानी से कम नहीं है। भूटान नरेश और उनकी पत्‍नी की उम्र के बीच भले ही सालों का फासला हो पर दोनों के दिलों में एक दूसरे की मोहब्‍बत बसती है। भूटान एक ऐसा देश जो क्षेत्रफल में भले ही छोटा हो लेकिन खुश रहने के मामले में यहां के लोग कई विकसित देशों से भी आगे हैं।


प्रिंस चार्मिंग ऑफ हिमालय के नाम से प्रसिद्ध है वांगचुकजिग्मे खेसर नाग्याल वांगचुक ने साल 2008 में राजगद्दी संभाली थी। पदभार संभालने के कुछ ही सालों में वो वहां की जनता के चहेते बन गए। भूटान की जनता उन्हें तरह-तरह के नामों से पुकारती हैं। कुछ लोग उन्हें के5 कहते हैं तो कुछ के लिए वो प्रिंस चार्मिंग ऑफ हिमालय हैं। वांगचुक दुनिया में सबसे कम उम्र में राज गद्दी संभालने वाले शख्स भी हैं। वांगचुक और उनकी पत्नी पेमा के बीच है 10 साल का अंतर


वांगचुक और उनकी पत्नी जेत्सुन पेमा की उम्र के बीच लगभग 10 साल का अंतर है। जब इश्क सच्चा हो तो क्या उम्र और क्या उम्र का फासला।  आपको शायद यकीन न हो लेकिन जिस वक्त वांगचुक 17 साल के थे और पेमा 7 साल की थी। तभी दोनों एक-दूसरे को दिल दे बैठे थे। दोनों की पहली मुलाकात थिंफू में एक फैमिली पिकनिक के दौरान हुई थी। वांगचुक ने घुटनों के बल बैठ किया था पेमा को प्रपोज

वांगचुक उस समय भूटान के राजा नहीं राजकुमार थे। उन्होंने पूरे शाही अंदाज में अपने दोनों घुटनों के बल झुककर पेमा को प्रपोज किया था। ये प्रपोजल प्यार के इजहार का नहीं था। ये प्रपोजल एकसाथ जिंदगी बिताने के वादे का था। वांगचुक ने पेमा से कहा जब तुम बड़ी हो जाओगी और तब तक अगर हम दोनों ही सिंगल रहे तो मैं तुम्हें अपनी पत्नी बनाना चाहूंगा। वांगचुक ने अपने प्यार को हर नियम से दूर रखा। पढ़ाई के दौरान भी वो सार्वजनिक रूप से अपने प्यार का इजहार करने में झिझकते नहीं थे।वांगचुक ने ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी से की है पढाईऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी से पॉलिटिकल साइंस और इकोनॉमिक्स की डिग्री प्राप्त करने वाले वांगचुक अपने स्कूल और कॉलेज के दिनों में बेहद शांत थे।  उन्हें देखकर कोई नहीं कह सकता था कि वो भी रोमांटिक हो सकते हैं। पेमा की मोहब्बत के आगे उन्होंने भी घुटने टेक ही दिए। इसके बाद वांगचुक पढ़ाई के लिए ऑक्सफोर्ड चले गए। जब पेमा 15 साल की हुईं तो उन्हें उनके माता-पिता ने उन्हें भी पढाई के लिए लंदन भेज दिया। यही वो वक्त था जब उनका प्यार परवान चढ़ा। राजघराने का होने के नाते कई तरह के नियम-कानूनों को मानना पड़ता है। प्रेमियों का हाथ थाम कर चलना है भूटान का ट्रेंड

वांगचुक की पढाई पूरी होने के बाद दोनों ने देश लौटकर 2011 में शादी कर ली। पेमा अपने पति की ही तरह लोगों के बीच जाकर उनकी परेशानियां सुनती हैं और उनकी मदद करती हैं। आपने गौर किया हो तो देखा होगा कि वांगचुक जब भी पत्नी के साथ होते हैं उनका हाथ थामे रहते हैं। दोनों का यूं हाथों में हाथ थामे चलना अब भूटान में ट्रेंड बन चुका है। भूटान को उसके रंग-बिरंगे टेक्सटाइल काम के लिए जाना जाता है। पेमा ने अपनी शादी के दिन जो ड्रेस और फुट-वियर पहना था अब वो टेक्सटाइल म्यूजियम की धरोहर है। वांगचुक ने पेमा को चूमकर किया था प्यार का इजहारवांगचुक और पेमा की शादी अक्टूबर 2011 में हुई थी और ये शाही शादी भूटान के इतिहास का सबसे बड़ा मीडिया इवेंट था।  एक ओर जहां ये शाही शादी पूरे रीति-रिवाज से हुई थी वहीं भूटान के इतिहास में पहली बार किसी राजा ने अपनी रानी को सार्वजनिक रूप से चूमकर प्यार का इजहार किया था। भूटान में शाही दायित्वों के अनुसार जहां-जहां राजा जाएगा वहां-वहां उनकी रानी उनके साथ जाती हैं। एक ओर जहां भूटान में एक से अधिक पत्नी रखने पर कोई मनाही नहीं है वहीं वांगचुक पहले ही ये घोषणा कर चुके हैं कि वो पेमा के अलावा कभी किसी दूसरी महिला से शादी नहीं करेंगे।

Posted By: Prabha Punj Mishra