लाॅकडाउन के बीच पिता को साइकिल पर बिठाकर 1200 किमी का सफर करने वाली बिहार की ज्योति कुमारी काफी खुश हैं। ज्योति को सीएफआई की तरफ से ट्राॅयल के लिए बुलाया गया है। 15 साल की ज्योति का कहना है कि वह दो-तीन महीने प्रैक्टिस करके टेस्ट देंगी।

दरभंगा (एएनआई)। 15 वर्षीय ज्योति कुमारी, जिन्होंने अपने घायल पिता के साथ हरियाणा के गुरुग्राम से बिहार के दरभंगा तक लगभग 7 दिनों में 1,200 किलोमीटर की दूरी तय की। उन्हें अब जगह से मदद मिल रही है। ज्योति कुमारी ने पुष्टि की कि वह साइकिल फेडरेशन ऑफ इंडिया (सीएफआई) द्वारा बुलाए गए परीक्षण में भाग लेंगी। ज्योति ने एएनआई को बताया, 'मैं साइकल फेडरेशन ऑफ इंडिया (सीएफआई) द्वारा बुलाए गए ट्रायल के लिए जाऊंगी, लेकिन मुझे समय चाहिए। मैं अपने गांव में दो-तीन महीने तक यहां अभ्यास करूंगी।'

लोग मुझ पर अपना आशीर्वाद बरसा रहे

ज्योति ने आगे बताया, 'लोग मुझ पर अपना आशीर्वाद बरसा रहे हैं। उन्होंने मुझे अध्ययन से संबंधित सामग्री भेंट की हैं। सभी दलों के लोग मुझसे मिलने आए। मैं अभिभूत हूं। मैं गुरुग्राम में अपने पिता के साथ रह रही थी। वह वहां एक ड्राइवर के रूप में काम कर रहे थे।" उन्होंने कहा, "मैं यहां पढ़ाई करूंगी। मैं सभी की आभारी हूं और मुझे बहुत अच्छा लग रहा है कि दुनिया भर के लोग मेरे बारे में जान रहे हैं।" बता दें अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प की बेटी इवांका ने शुक्रवार को ट्विटर पर ज्योति की तस्वीर शेयर कर उसके जज्बे की तारीफ की थी।

पिता को बेटी पर है गर्व

ज्योति कुमारी के पिता मोहन पासवान ने कहा कि उन्हें अपनी बेटी पर गर्व है। पिता कहते हैं, 'जनवरी में मेरा एक्सीडेंट हुआ था। मेरी पत्नी और बेटी के साथ मेरे जीजा मेरे साथ वहां गए थे। मेरी पत्नी और देवर पहले आए थे। मेरी बेटी, ज्योति मेरा ख्याल रखने के लिए वहाँ रुकी थी। उसने मेरे लिए वहां खाना बनाया। फिर मार्च में, हम लॉकडाउन में फंसे हुए थे। लॉकडाउन 3.0 में हमने एक साइकिल खरीदी और हमने अपने राज्य की यात्रा की। मैं चोट की वजह से साइकिल की सवारी करने की स्थिति में नहीं था। मुझे गर्व है मेरी बेटी पर। अगर वह मुझे यहां नहीं लाती, तो मैं वहीं मर जाता। उन्होंने कहा, "मैं आजीविका के लिए दूसरे शहर में नहीं जाऊंगा, अगर सरकार मुझे यहां मेरे गांव में रोजगार मुहैया कराएगी।'

राजनीतिक पार्टियों ने की आर्थिक मदद

पासवान ने कहा कि राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के नेता तेजस्वी यादव ने ज्योति को 50,000 रुपये दिए हैं। उन्होंने कहा, "राबड़ी देवी और तेजस्वी ने हमारे परिवार से बात की और बेटी की पढ़ाई में मदद करने का वादा किया। उन्होंने मेरी बेटी की शादी का खर्च उठाने और उसे नौकरी देने का भी वादा किया, जब वे सत्ता में होंगे।" उन्होंने कहा, "भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने साइकिल दान किया है। मेरी बेटी के खाते में कई लोग दान कर रहे हैं।' भाजपा के राज्यसभा सांसद राकेश सिन्हा ने भी ज्योति को 25,000 रुपये का दान दिया। शनिवार को सिन्हा ने ट्वीट किया, 'ज्योति कुमारी साहस, दृढ़ संकल्प दिखाकर दुनिया के युवाओं के लिए एक उदाहरण बन गई है। ज्योति, उसकी बड़ी बहन और पिता से टेलीफोन पर बात की। वे सभी संकट के समय में विनम्रता के सबसे अच्छे उदाहरण हैं। मैं 25,000 रुपये का दान कर रहा हूं।'

सोशल मीडिया पर छाई ज्योति कुमारी

यह पूछे जाने पर कि क्या जनता दल (यूनाइटेड) के किसी व्यक्ति ने जदयू का दौरा किया, इस पर ज्योति के पति ने कहा, "मैं क्वारंटाइन में था, मुझे नहीं पता। लेकिन, मुझे लगता है कि वे आए होंगे।" तालाबंदी के बाद पिता-पुत्री की जोड़ी को भारी कठिनाई का सामना करना पड़ा क्योंकि उनके पास न तो घर का किराया देने के लिए पैसे थे और न ही अपने घर को चलाने के लिए यात्रा का खर्च वहन करने के लिए। इस प्रकार, ज्योति ने अपने पिता को साइकिल पर अपने गांव वापस ले जाने का फैसला किया। उसने 10 मई को गुरुग्राम छोड़ दिया और 7 दिनों में दरभंगा आ गई। सोशल मीडिया पर लोगों ने ज्योति का भरपूर समर्थन किया और उनकी तुलना महाकाव्य रामायण के श्रवण कुमार के किरदार से की।

Posted By: Abhishek Kumar Tiwari