बिहार की राजनीति में जारी उठापटक के बीच मांझी सरकार ने सामान्‍य वर्ग के छात्रों को सरकारी नौकरी में आरक्षण देने का एजेंडा पास किया है. इसके साथ ही सरकारी स्‍कूलों में मिलने वाली स्‍कॉलरशिप प्राप्‍त करने के लिए मिनिमम 75 परसेंट अटेंडेंस को कम कर दिया है.


सामान्य वर्ग को आरक्षण


बिहार के मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी के बागी होने के बाद से बिहार की राजनीति में नए पहलू देखने को मिल रहे हैं. जहां एक ओर जदयू विधायक दल ने नितीश कुमार को अपना नेता चुन लिया है वहीं जीतन राम मांझी ने अपनी कैबिनेट मीटिंग में सवर्णों को आरक्षण देने का एजेंडा पास करके सनसनी फैला दी है. बिहार सीएम ने अपने गुट के सात मंत्रियों के साथ कैबिनेट मीटिंग करके 23 एजेंडों को पास किया है. इस मीटिंग में पीएचइडी मंत्री महाचंद्र प्रसाद सिंह शामिल नहीं थे. मांझी सरकार ने समाज के हर वर्ग को खुश करने की कोशिश की है. इसके लिए एक तीन सदस्यीय कमेटी का गठन किया गया है इन एजेंडो को पास करने में सामने आने वाली स्थितियों की समीक्षा करके रिपोर्ट राज्य सरकार को सौंपेगी. इस रिपोर्ट के आधार पर सरकार आरक्षण का परसेंटेज तय करेगी. इस बारे में कैबिनेट विभाग के प्रिंसीपल सेक्रेटरी बी. प्रधान ने जानकारी दी है. जानें क्या हैं योजनाएं

मांझी सरकार ने सरकारी स्कूल के छात्रों को मिलने वाली छात्रवत्ति के लिए जरूरी 75 परसेंट अटेंडेंस को कम करने का फैसला किया है. इस योजना के तहत स्टूडेंट्स को स्कूल ड्रेस, साइकिल, प्रोत्साहन या मेधावृत्ति और छात्रवृत्ति मिलती है. इस योजना का लाभ उठाने के लिए छात्रों को कम से कम 75 परसेंट अटेंडेंस चाहिए होती है. लेकिन अब मांझी सरकार ने सामान्य वर्ग के छात्रों के लिए 60 परसेंट और बीसी, ईबीसी, एससी, एसटी समेत अन्य रिजर्व्ड श्रेणी के स्टूडेंट्स के लिए 55 परसेंट अटेंडेंस जरूरी बनाई गई है. विधवाओं को खाद्य सुरक्षामांझी सरकार ने असहाय और 45 वर्ष की विधवा महिलाओं को खाद्य सुरक्षा देने की योजना बनाई है. इसके लिए इन लाभार्थियों को जनवितरण प्रणाली से जोड़े जाने और सरकारी दर पर अनाज देने की बात कही गई है. इसके साथ ही पटना और सीतामढ़ी को छोड़कर 36 जिलों में प्रेस क्लब भवन बलवाने की बात कही गई है. इसके लिए प्रति भवन के हिसाब से 77 लाख 12 हजार रुपये मंजूर किए गए हैं. इसके साथ ही 19 प्रखंडों में कार्यालय सह आवासीय भवन, निरीक्षण कमरा और परिसर का निर्माण के लिए प्रत्येक भवन के हिसाब से 12 करोड़ 12 लाख रुपये स्वीकृत किया गया है. इसके अलावा सारण जिले के दरियापुर थाने अंतर्गत दरिहारा भुआल में एक थाने और 20 नए पदों का सृजन किया गया है. नई नौकरियों का सजृन

मांझी सरकार ने मुजफ्फरपुर में डॉ. जगन्नाथ मिश्र कॉलेज परिसर में ओपी के निर्माण के साथ 11 पदों के सृजन किया है. इसके अलावा पूर्वी चंपारण के पकड़ीदयाल अनुमंडल के मधुबन में डिग्री महाविद्यालय की स्थापना और पांच जिलों सुपौल,जमुई, कैमूर, बांका और गया में नवस्थापित पॉलिटेक्निक में प्रति संस्थान 36 शैक्षणिक और 58 गैर-शैक्षणिक पदों के सृजन की स्वीकृति दी गई है. इसके साथ ही सैनिक स्कूल,तिलैया (झारखंड) में पढ़ रहे बिहारी छात्रों के लिए छात्रवृत्ति और पोशाक के लिए 11 लाख 35 हजार का फंड स्वीकृत किया गया है. राज्य के बाहर स्थित 19 सैनिक स्कूलों में पढ़ रहे छात्रों के लिए इसी मद में 93 लाख 82 हजार रुपये जारी किया गया है. इसके साथ ही दक्षिण भारतीय भाषा संस्थान के कर्मचारियों के लिए मार्च 2014 से फरवरी 2015 तक वेतन के लिए 28 लाख रुपये जारी किया गया है.

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Posted By: Prabha Punj Mishra