PATNA: पांचवें और अंतिम चरण के मतदान में मतदाताओं ने एक मजबूत लोकतंत्र के निर्माण के लिए सारे रिकार्ड तोड़ डाले। पांचवें चरण में गुरुवार को सबसे अधिक वोटिंग सीमांचल के चार जिलों में हुई। इन जिलों ने म्0 प्रतिशत से अधिक वोटिंग दर्ज की गई। म्7.ख्7 प्रतिशत वोटिंग कर कटिहार जिला सबसे आगे रहा, जबकि कोसी के सहरसा में सबसे कम भ्0.78 प्रतिशत मतदान हुआ। लेकिन अगर औसत देखा जाए तो सीमांचल, कोसी और मिथिलांचल, तीनों में ही अब तक के चार चरणों की तुलना में अधिक वोटिंग हुई है। अब तक के चार चरणों में सर्वाधिक भ्8.भ्ब् फीसद वोट चौथे चरण में पड़े थे।

सुबह से ही वोटरों की लंबी कतार देखी जा रही थी, कटिहार ने शाम चार बजे ही म्0 प्रतिशत का आंकड़ा पार कर लिया था, चार बजे तक वहां म्फ्.70 प्रतिशत मतदान हो चुका था, मिथिलांचल और कोसी क्षेत्र में वोटिंग का रूझान लगभग एक रहा, लेकिन सहरसा में कम मतदान के चलते कोसी क्षेत्र का औसत नीचे चला गया। मिथिलांचल में ख्0 तथा कोसी में क्फ् सीटों पर चुनाव हुए है। वहीं सीमांचल की सभी ख्ब् सीटों पर मतदाताओं ने अधिक उत्साह दिखाया।

दिग्गजों की धड़कने तेज -

पंाचवे चरण में दिग्गज नेताओं की धड़कने तेज हो चुकी है। इसके साथ ही सभी की इज्जत भी दाव में लग चुकी है। पूर्व सीएम जगन्नाथ मिश्र के पुत्र और पूर्व मंत्री नीतीश मिश्रा झंझारपुर से भाजपा के टिकट पर चुनाव लड़ रहे हैं तो ललित नारायण मिश्र के पौत्र ऋषि मिश्र जाले से दूसरी बार अपनी किस्मत आजमा रहे हैं।

ललित नारायण मिश्र के छोटे भाई संजय मिश्र सुपौल की छातापुर सीट से जन अधिकार पार्टी से पहली दफा चुनाव में उतरे हैं, तो लोजपा के सांसद महबूब अली कैसर के पुत्र युनूस खान सिमरी बख्तियारपुर से पहली दफा चुनाव लड़ रहे हैं।

दरभंगा की केवटी सीट पर दो राजनेताओं के पुत्र दूसरी बार आमने-सामने हैं। पूर्व केंद्रीय व भाजपा सांसद हुकुमदेव नारायण यादव के पुत्र अशोक यादव के मुकाबले पूर्व केंद्रीय मंत्री अली अशरफ फातमी के पुत्र फराज फातमी हैं। मधुबनी से पूर्व विधायक राजकुमार महासेठ के पुत्र समीर महासेठ राजद के उम्मीदवार हैं। जोकिहाट से जदयू ने सरफराज को मैदान में उतारा है। अररिया सीट पर कांगे्रस ने पूर्व विधायक मोइदुर्रहमान के पुत्र अदीबुर्रहमान पर भरोसा किया है। यहां से जन अधिकार पार्टी ने पूर्व विधायक मो। यासिन के बेटे हैदर यासिन मालिक को उतारा है। किशनगंज से पूर्व मंत्री मुश्ताक मुन्ना के पुत्र एमके रिजवी जन अधिकार पार्टी के टिकट पर चुनाव लड़ रहे हैं।

कटिहार के प्राणपुर से कांगे्रस के पूर्व विधायक मंसूर आलम के पुत्र तौसिफ आलम किस्मत आजमा रहे हैं। किशनगंज से कांगे्रस के डॉ। जावेद आजाद के पिता मो। आजाद भी मंत्री रह चुके हैं। बनमखी से राकांपा के उम्मीदवार रामदेव ऋषिदेव के पिता रसिकलाल ऋषिदेव भी विधायक रह चुके हैं। इनके अलावा भी कई ऐसे उम्मीदवार हैं, जो राजनीतिक परिवार से आते हैं।

Posted By: Inextlive