PATNA : बिहार की कुश्ती में 22 साल के बाद गोल्ड का सूखा खत्म हो गया. केएल यादव और केके यादव ने बिहार का यह सूखा खत्म किया. इसके साथ ही बिहार में कुश्ती का एक नया आयाम शुरू हो गया है.


मंडे को केएल यादव ने फ्री स्टाइल 55 केजी कैटेगरी में पहला गोल्ड मेडल दिलाया। इसके बाद मंगलवार को केके यादव ने चोट के बावजूद ग्रीको रोमन 74 केजी कैटेगरी में गोल्ड मेडल जीता। केके यादव एक सप्ताह से चोट के कारण प्रैक्टिस नहीं कर पा रहे थे। पर, ओलंपिक कैम्प में प्रैक्टिस का फायदा उन्हें मिला। इससे पूर्व बिहार को दशरथ यादव ने नेशनल कुश्ती टूर्नामेंट में गोल्ड मेडल दिलाया था। यह मुकाबला 1990 में खेला गया था। इसके बाद बिहार को नेशनल गेम में अबतक गोल्ड मेडल नहीं मिला था। हालांकि केके यादव ने लास्ट टाइम बिहार को नेशनल गेम में सिल्वर मेडल दिलाया था।

मेडल मिलने से सभी खुश
गोल्ड मेडल मिलने से स्टेट कुश्ती एसोसिएशन के अध्यक्ष दशरथ यादव, सेक्रेटरी कामेश्वर यादव सहित सभी पहलवान खुश हैं। दशरथ यादव ने बताया कि इस जीत से बिहार के युवाओं में कुश्ती के प्रति क्रेज बढ़ेगा। एक बार फिर से बिहार में कुश्ती का दंगल हर जिले, हर गांव में शुरू होगा। तभी हम नेशनल एशियाड और ओलंपिक में ज्यादा से ज्यादा मेडल जीत सकते हैं।

अब तो हैं ज्यादा सुविधाएं
उन्होंने कहा कि स्टेट में अब पांच मैट मौजूद हैं। जबकि हमारे समय में सिर्फ एक कूट का गद्दा था, उसी पर हम लोग प्रैक्टिस करते थे। हमें ज्यादा सुविधाएं नहीं दी जाती थीं, बावजूद काफी संख्या में पहलवान कुश्ती खेलते थे। पर, एक चीज हमारे समय में थी कि प्लेयर्स को नौकरी मिल जाती थी। बाद के दिनों में प्लेयर्स को नौकरी मिलनी खत्म हो गई। इससे कुश्ती क्या हर गेम से प्लेयर्स का नाता टूटने लगा। अब गवर्नमेंट ने एक बार फिर प्लेयर्स को नौकरी देना शुरू किया है। साथ ही नेशनल गेम में गोल्ड मेडल जीतने से प्लेयर्स का उत्साह और बढ़ेगा। नए लड़के कुश्ती में आएंगे, फिर बिहार में मेडल्स की बरसात होगी।

Posted By: Inextlive