पटना विश्वविद्यालय सिंडिकेट की बैठक में कई प्रस्ताव पारित.


पटना (ब्यूरो)। गुरुवार को पटना विश्वविद्यालय के सिंडिकेट की विस्तारित बैठक वीसी प्रो गिरीश कुमार चौधरी की अध्यक्षता में ऑनलाइन आयोजित की गई। जिसमें बजट पर चर्चा के उपरांत सर्वसम्मति से पटना विश्वविद्यालय के वर्ष 2022-23 का घाटा अनुदान बजट सीनेट की बैठक में प्रस्तुत करने हेतु अनुमोदित कर दिया गया। बैठक के दौरान सदस्य नीतीश कुमार टनटन ने विश्वविद्यालय से अपना नया आंतरिक श्रोत विकसित करने की संभावना के बारे में पूछा। जिसके उत्तर में वीसी ने कहा कि अभी पर्यावरण विज्ञान विभाग में कंसल्टेंसी के लिए कार्य किया जा रहा है। और इस दिशा में अन्य विभागों को भी आगे लाने का प्रयास विश्वविद्यालय की ओर से की जाएगी। इसी क्रम में वाइस चांसलर ने बताया कि अगले वित्तीय वर्ष से शोध के लिए विश्वविद्यालय ने विश्वविद्यालय स्तर पर 2 करोड़ आंतरिक स्रोत से व्यवस्था की है जो माइनर शोध प्रोजेक्ट के लिए शिक्षकों को दी जाएगी। उन्होंने यह भी कहा कि उन्होंने राज्य सरकार से बात की थी कि सरकार की तरफ से जो राशि आती है वह मुख्यत: वेतन मद की होती है और थोड़ी ही राशि अन्य मद के लिए। ऐसी स्थिति विश्वविद्यालय अपने विकास कार्य को सही तरीके से संपादित करने में खुद को असमर्थ महसूस करती है। यदि विश्वविद्यालय द्वारा भेजे के बजट के अनुरूप राशि प्राप्त हो तो विश्वविद्यालय अपने विकास की गति में तेजी ला सकेगी।

सीएसआर का सहारा
इसी संदर्भ में उन्होंने सिंडिकेट को जानकारी दी कि विश्वविद्यालय ने कई बड़ी कंपनियों से अनुरोध किया है कि वे विश्वविद्यालय की आधारभूत संरचना विकसित करने में सीएसआर के तहत मदद करने को आगे आयेे। इसके तहत बीपीसीएल से विश्वविद्यालय ने कंप्यूटिंग सेंटर विकसित करने का अनुरोध किया है। इस दिशा में कार्य प्रगति पर है। वाइस चांसलर ने यह भी कहा कि जीएम टाटा आयरन एंड स्टील कंपनी टाटा पटना विश्वविद्यालय के सिंडिकेट के आजीवन सदस्य है.इसलिए टाटा से भी अनुरोध किया गया है कि पटना विश्वविद्यालय के आधारभूत संरचना के विकास में अपनी कंपनी के सीएसआर मद के माध्यम से मदद करें। कई सदस्यों द्वारा पटना विश्वविद्यालय के बीएड कोर्स के फी स्ट्रक्चर पर भी प्रश्न उठाये गए, जिसके जबाब में माननीय कुलपति ने कहा कि सरकार द्वारा तय किये गए फी स्ट्रक्चर को आने वाले सीनेट की बैठक में अनुमोदन के लिए प्रस्तुत किया जाएगा और सीनेट से अनुमोदित होने के बाद अगले सत्र से उसे लागू किया जा सकेगा। बैठक के दौरान ही सदस्य प्रो एस बी लाल के द्वारा एक दु:खद सूचना दी गयी कि वाणिज्य विभाग के अवकाश प्राप्त प्रोफेसर डॉ ज्योति शेखर अब हमारे बीच नहीं रहे। बैठक के अंत में वाइस चांसलर ने उनके कार्यों की सराहना करते हुए उनके निधन पर शोक व्यक्त किया.बैठक में पटना विश्वविद्यालय के प्रतिकुलपति प्रो अजय कुमार सिंह के साथ संकायाध्यक्ष प्रो अनिल कुमार, कुलानुशासक प्रो रजनीश कुमार , कुलसचिव कर्नल कामेश कुमार , श्री नवीन कुमार आर्य, प्रो एस बी लाल ,श्री पप्पू वर्मा , श्री नीतीश कुमार टनटन, डॉ शरीफ, डॉ अभय कुमार ,डॉ बीना कुमारी भी मौजूद थे।

Posted By: Inextlive