जेपी गंगा पथ पर वाहन चालक यातायात नियमों की जमकर अनदेखी कर रहे हैं चालक तेज गति के साथ ही उल्टी दिशा में वाहन चला रहे

पटना (ब्यूरो)। जेपी गंगा पथ शुरू हुए डेढ़ महीना बीत जाने के बावजूद इस सड़क पर अभी तक ना तो यातायात पुलिस की तैनाती की गई है और ना ही अधिकतम गति सीमा के बोर्ड ही लगाए गए हैं। वहीं, यातायात नियमों से बेपरवाह चालक मनमानी कर रहे हैं। यहां तक की सड़क पर सरेआम बाइक से स्टंट किया जा रहा है। इसका नतीजा है कि 45 दिनों में इस सड़क पर अब तक हुई करीब 14 दुर्घटनाओं में तीन की जान जा चुकी है और एक दर्जन से ज्यादा लोग घायल हो चुके हैं। मंगलवार को टीम ने गंगा पथ का मुआयना कर दुर्घटना की कारणों की पड़ताल की तो इसमें यातायात पुलिस की उदासीनता और लोगों की लापरवाही पाई गई।
नियमों की हो रही अनदेखी
जेपी गंगा पथ पर वाहन चालक यातायात नियमों की जमकर अनदेखी कर रहे हैं। चालक तेज गति के साथ ही उल्टी दिशा में वाहन चला रहे हैं। सड़क से गुजरने वाले ज्यादातर दोपहिया चालक हेल्मेट नहीं पहन रहे। बाइक सवार युवक सरेआम स्टंट कर रहे हैं। सड़क पर कहीं भी यातायात पुलिस नहीं दिखती है। जिसके कारण यातायात नियम तोडऩे वाले बेखौफ हैं। लापरवाही से दुर्घटनाएं हो रही है और लोगों की जान तक जा रही है। लोगों का कहना है कि सिस्टम काम नहीं कर रहा है। हादसे के लिए पूरी तरह यातायात पुलिस जिम्मेवार है।

यातायात पुलिस हो तैनात
गांधी मैदान, एलसीटी घाट और दीघा के समीप सड़क पर वाहन चालक सेल्फी लेते दिखे। इस दौरान सड़क से गुजरने वाले ज्यादातर दोपहिया चालकों ने हेल्मेट नहीं पहन रखे थे। ज्यादातर वाहनों की गति 80 किलोमीटर प्रति घंटे से ज्यादा थी। खास कर कार व चार पहिया वाहन हवा से बातें कर रहे थे। राजीव नगर निवासी वाहन चालक संजय पोद्दार ने बताया कि सड़क बनने से सुविधा तो हुई। लेकिन हो रही दुर्घटनाओं से डर बना हुआ है। स्थानीय निवासी रमेश यादव के मुताबिक दीघा से पीएमसीएच तक कहीं भी यातायात पुलिस नहीं दिखती। जिसके कारण वाहन चालक नियम नहीं मान रहे हैं। दुर्घटना रोकने के लिए इस सड़क पर यातायात पुलिस की तैनाती होनी चाहिए।

यातायात पुलिस है जिम्मेवार : पीके दास
पूर्व यातायात अधीक्षक व विशेषज्ञ पीके दास ने बताया कि गंगा पथ पर हो रही दुर्घटनाओं के लिए पूरी तरह यातायात पुलिस जिम्मेवार है। सड़क शुरू किए जाने से पहले ही उसपर तेज गति और यातायात नियमों से संबंधित बोर्ड लगा दिए जाने चाहिए थे। नियम तोडऩे वाले वाहनों चालकों पर निगरानी के लिए सीसीटीवी कैमरे साथ ही यातायात पुलिस की 24 घंटे निगरानी की व्यवस्था होनी चहिए थी। ज्यादातर हादसे ओवर टेङ्क्षकग और तेज गति की वजह से होते हैं। यातायात पुलिस को सड़क के दोनों किनारों पर पुलिस कर्मियों की तैनाती करनी चाहिए। यातायात नियम तोडऩे वालों पर कड़ी कार्रवाई शुरू हो और जागरूकता अभियान भी चलाया जाए। तभी दुर्घटनाओं को कम किया जा सकेगा।

Posted By: Inextlive