खिलाड़ी जॉब की मांग को लेकर सड़क पर उतरे सरकार को कोसा

पटना (ब्यूरो)। दस साल बीतने को आ गए सरकार के खिलाडिय़ों को सरकारी नौकरी देने की। लेकिन वादे खोखले ही रह गए। खिलाडिय़ों का दर्द एक बार फिर से छलक उठा जब सभी बिहार प्लेयर्स एसोसिएशन के बैनर तले सरकार के खिलाफ लामबंद हुए। मेडल की बारिश करने वाले और राज्य एवं देश का नाम खेल के माध्यम से रौशन करने वाले आज बदहाल है और उनके सितारे गर्दिश में हैं। बिहार प्लयेर्स एसोसिएशन के फाउंडर एवं अध्यक्ष मृत्युंजय तिवारी ने कहा कि सरकार लगातार खेल और खिलाडिय़ों से खिलवाड़ कर रही है। मेधावी खिलाडिय़ों का भविष्य खतरे में है। उनके भविष्य को बचाने के लिए यह संघर्ष है। इसी वजह से सभी सड़क पर उतर आए हैं।


सरकार कर रही अनदेखी
पटना की सड़कों पर खिलाडिय़ों ने सरकार के खिलाफ नारेबाजी की। सभी का यही कहना था कि सरकार ने वादा कर वादाखिलाफी की है। इस वजह से यह स्थिति बन गई है। बॉल बैडमिंटन के राज्य स्तरीय खिलाड़ी दीपक रंजन ने कहा कि खिलाडिय़ों ने अपनी ओर से कोई कमी नहीं रखी है। लगातार मेडल जीतने के बावजूद सरकार खिलाडिय़ों की अनदेखी कर रही है। जानकारी हो कि राज्य सरकार ने कैबिनेट में पास कराते हुए खिलाडिय़ों को जॉब देने का संकल्प लिया था। लेकिन अब सरकार इस बात पर ही स्पष्ट नहीं है कि किन -किन खेलों को प्राथमिकता में रखते हुए जॉब देना है। इसलिए यह मामला अटका हुआ है।

सभी खेलों के खिलाड़ी रहे मौजूद
फुटबाल, बैडमिंटन, खो-खो, कबड्डी, हैंडबॉल, बास्केटबाल, जूडो, वुशू, बॉक्सिंग, भारोत्तोलन, एथलेटिक्स, सेपक टाकरा समेत अन्य कई खेलों के खिलाड़ी सड़क पर प्रदर्शन करने के लिए उतरे हुए थे। खिलाडिय़ों की समस्याओं को साझा करते हुए साफ्ट बाल टेनिस एसोसिएशन बिहार के सचिव धर्मवीर ने बताया कि जहां अन्य राज्यों में खिलाडिय़ों को सरकार के विभिन्न विभागों में नौकरी दी जा रही है। लेकिन बिहार में इसकी घोर अनदेखी की जा रही है। इस वजह से खिलाडिय़ों को आर्थिक कष्ट के कारण खेल भी आगे जारी रखने में असक्षम हैं। उन्होंने बताया कि एक बार खिलाडिय़ों को नौकरी दी गई थी। लेकिन इसके बाद से भूल गई।

Posted By: Inextlive