Khelein Hum Jee Jaan Se...
खास बात होगी टॉर्च रिलेसोमवार को सीएम नीतीश कुमार टूर्नामेंट का इनॉगरेशन करेंगे। टूर्नामेंट की खास बात होगी टॉर्च रिले। इसके लिए स्टेट के चुनिंदा प्लेयर्स को सेलेक्ट किया गया है। इन प्लेयर्स की झोली में मेडल की भरमार है। इन्होंने स्टेट ही नहीं, कंट्री के लिए भी मेडल जीते हैं। प्रेम चंद सिंह, उमा सिंह, कृष्ण कुमार शर्मा और अर्चना बारा को सेलेक्ट किया गया है। जब ये लोग टॉर्च लेकर निकलेंगे, तो सबका सीना गर्व से चौड़ा हो जाएगा। सबके सीने पर पुलिस गेम्स के अपनी-अपनी कैटेगरी में दर्जन भर मेडल लटके दिखेंगे। हर हाल में जीतूंगी मेडल
अर्चना बारा बिहार पुलिस में कांस्टेबल हैं। 1995 में उन्होंने बिहार पुलिस ज्वाइन किया था। गुमला की रहने वाली अर्चना बचपन से ही एथलेटिक्स खेलती हैं। हैमर थ्रो में आज भी स्टेट में उन्हें कोई टक्कर देने वाला नहीं है। पुलिस एथलेटिक्स में 5 गोल्ड, 8 सिल्वर और 7 ब्रांज इस बात के सबूत हैं। अर्चना कहती हैं कि मैं पिछले कई साल से चैम्पियन हूं। इस बार भी स्टेट को मेडल दिलाने की पूरी कोशिश करूंगी। अर्चना को गवर्नमेंट से बस इस बात की शिकायत है कि इतने मेडल देने के बाद भी प्रमोशन नहीं मिला। वह कहती हैं कि मेरे साथ खेलने वाले सीआरपीएफ के लोग डीएसपी बन गए और मैं कांस्टेबल ही रह गई। उधर, सब इंस्पेक्टर उमा सिंह भी अब तक कई मेडल जीत चुकी हैं। नेशनल व इंटरनेशनल लेवल पर उन्होंने बेहतरीन प्रदर्शन किया है। उमा अभी बिहार टीम की कोच भी हैं। उनका कहना है कि लास्ट ईयर की अपेक्षा इस बार हर हाल में स्टेट को ज्यादा मेडल मिलेगा। 14 साल से हैं चैम्पियन
कृष्ण कुमार शर्मा की खाते में डेढ़ दर्जन से अधिक मेडल हैं। ऑल इंडिया पुलिस गेम्स में तो वे पिछले 14 साल से चैम्पियन हैं। इसके अलावा कृष्ण जूनियर वल्र्ड एथलेटिक्स चैम्पियनशिप में 8वां पोजिशन ला चुके हैं। वल्र्ड पुलिस एथलेटिक्स में वे चौथे पोजिशन पर रहे थे। डिस्कस थ्रो से एथलेटिक्स में पार्टिसिपेट करने वाले कृष्ण कहते हैं कि हमलोगों को बहुत ज्यादा डायट लेने की जरूरत होती है। एक दिन में कम से कम 5 केला, इतने ही अंडे, 2 लीटर दूध, 250 ग्राम चिकेन, 150 ग्राम फिश के साथ ड्राई फूट्स खाने पड़ते हैं। डेली कम से कम 6 घंटे प्रैक्टिस और पूरा आराम चाहिए होता है। कृष्ण कहते हैं कि मैं 1995 में बिहार पुलिस में आया। इससे पहले स्पोट्र्स से बाहर था। यहां आने के बाद मैंने प्रोफेशनली खेलना शुरू किया। 1998 के बाद से अब तक मैं ऑल इंडिया पुलिस गेम्स में चैम्पियन हूं। वे कहते हैं कि चैम्पियनशिप में पार्टिसिपेशन से पहले बहुत अधिक प्रेशर होता है। इसे दूर करने के लिए मैं म्युजिक सुनता हूं। गेम के स्टार्टिंग के चार घंटे पहले तक कुछ भी नहीं खाता हूं। इतना मेहनत करने के बाद एक मेडल निकलता है। उन्होंने बताया कि अब मुझे एशियन और ओलंपिक में पार्टिसिपेट करना है। एथलीटों ने बहाया पसीनासंडे को एथलीटों ने खूब पसीना बहाया। मेंस एंड वीमेंस कैटेगरी के सभी प्लेयर्स ने नए सिंथैटिक कोर्ट पर प्रैक्टिस किया। हर किसी के चेहरे पर जीत की ललक साफ दिख रही थी। तैयार है स्टेडियमऑल इंडिया पुलिस एथलेटिक्स के लिए मिथिलेश स्टेडियम पूरी तरह से तैयार है। यहां रेस के लिए नया सिंथैटिक ट्रैक बनाया गया है। डीजीपी अभयानंद और डीआईजी मानवाधिकार ने खुद ही तैयारी की कमान संभाल रखी है। संडे को तैयारी को फाइनल टच दिया गया। सिंथैटिक कोर्ट देखकर प्लेयर्स खुशनए सिंथैटिक कोर्ट पर पहली बार कोई गेम खेला जाएगा। पुलिस एथलेटिक्स टूर्नामेंट की मेजबानी मिलने से स्टेट को पहला सिंथैटिक कोर्ट मिल गया। इंटरनेशनल लेवल के सिंथैटिक कोर्ट को देखकर प्लेयर्स भी गदगद दिख रहे थे। प्रोफाइल
नाम : उमा सिंहपति : प्रेम चंद सिंहएजुकेशन :10वीं जमशेदपुर गल्र्स हाई स्कूल12वीं : वीमेंस कॉलेज, जमशेदपुरएचीवमेंट : चीन में खेले गए मास्टर्स एथलेटिक्स चैम्पियनशिप में गोल्ड।यूएस में खेले वल्र्ड मास्टर्स एथलेटिक्स चैम्पियनशिप में 6ठा पोजिशन।ऑल इंडिया पुलिस एथलेटिक्स और जूनियर कैटेगरी में दर्जनों मेडल।
नाम : कृष्ण कुमार शर्मापिता : स्व। प्रभहंश शर्मामाता : श्रीमती देवी एजुकेशन : 10वीं : गया हाईस्कूलएचीवमेंट : जूनियर नेशनल वल्र्ड एथलेटिक्स चैम्पियनशिप में 8वां पोजिशन।वल्र्ड पुलिस गेम्स में चौथा पोजिशन।14 साल से ऑल इंडिया पुलिस एथलेटिक्स के डिस्कस थ्रो में चैम्पियन नाम : अर्चना बारापति : ओंकार नाथमाता : नरमी बाराएजुकेशन : 10वीं : उर्सनाइन कान्वेंट12वीं : शेखपुरा हाईस्कूलग्रेजुएशन : देवघर वीद्यापीठएचीवमेंट : एशियन टैकन फील्ड में ब्रांज मेडलऑल इंडिया पुलिस एथलेटिक्स में 5 गोल्ड, 8 सिल्वर और 7 ब्रांज