PATNA: बिखरे हुए गठबंधन के नायक नीतीश कुमार और लालू प्रसाद अपने सहयोगी पार्टी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष राहुल गांधी का मंच साझा क्यों नहीं कर रहे हैं? पटना की रैली में नीतीश कुमार और शरद यादव से पहले कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को बुलाकर जहां लालू यादव ने उन्हें उनकी हैसियत का अहसास कराया वहीं चुनावी सभा में अपने बेटे को भेज कर राहुल गांधी को उनकी औकात बताया। ये कहा एक्स डिप्टी सीएम एवं बीजेपी के सीनियर नेता सुशील मोदी ने।

उन्होंने कहा कि लालू यादव और नीतीश कुमार बतायें कि क्या एनडीए के सहयोगी दलों को एक-दूसरे का मंच साझा करने से कोई परहेज है? बिहार में जब राहुल गांधी की चुनावी सभा होती है तो उससे लालू यादव व नीतीश कुमार दूरी बना कर रखते हैं और मतदाताओं को झांसा देने के लिए महागठबंधन की बात करते हैं। लालू यादव व नीतीश कुमार का कथित महागठबंधन तो सपा प्रमुख मुलायम सिंह यादव व एनसीपी के तारिक अनवर के निकलने के साथ ही बिखर गया था.कहा कि महज सौ सीटों पर चुनाव लड़ने वाले नीतीश कुमार अपने एक कंधे पर राजद के जंगलराज तो दूसरे पर कांग्रेस के भ्रष्टाचार को बैठा कर पुन: सत्ता हासिल करने का सपना देख रहे हैं।

कहा कि मजबूरी में जहर पीकर नीतीश कुमार को सीएम पद का उम्मीदवार स्वीकार करने वाले लालू यादव मौका मिलने पर घोखा देने में भी एक मिनट की देर नहीं करेंगे। नीतीश कुमार के लिए भी कहा जाता है कि ' कोई ऐसा सगा नहीं, जिसे नीतीश कुमार ने ठगा नहीं'। इसीलिए लालू यादव और नीतीश कुमार अपने-अपने हाथों में खंजर लेकर एक दूसरे से गले मिले हैं।

Posted By: Inextlive