- गैस की कालाबाजारी से जा सकती है जान

- बैखौफ होकर टू वीलर से ले जाते हैं सिलेंडर

PATNA : पटना की सड़कों पर बाइक पर एलपीजी बम ढोए जा रहे हैं, जो पलक झपकते ही लोगों के चीथड़े उड़ा सकते हैं। आरटीओ से लेकर ट्रैफिक पुलिस किसी को परवाह नहीं है जबकि जानकार इस मामले को डेंजरेस बता रहे हैं। उनका कहना है कि बाइक पर ढोए जा रहे एलपीजी गैस सिलेंडर हाई डेंसिटी वाले बम से कम नहीं होते हैं। इनका विस्फोट कभी भी बड़ा हादसा बन सकता है।

इस तरह से हो सकता है विस्फोट

रसोई गैस में एलपीजी गैस भरा होता है। यह गैस अत्यंत ज्वलशील होता है। बाइक में कम्बश्चन के टाइम स्पार्किंग होती है। अगर गैस सिलेंडर से लीक गैस स्पार्किग के कंटैक्ट में आए तो हाईडेंसिटी का विस्फोट होने के चांसेज हैं। एक सिलेंडर में क्ब् किलो गैस होती है तो चार सिलेंडर में भ्म् किलो गैस होगी यानी अगर भ्00 मीटर दूर तक नुकसान पहुंचा सकती है।

नहीं हो रहा पालन

ऐसा नहीं कि सख्ती बरत कर दोपहिया वाहनों में गैस सिलेंडर ढोने वालों पर नकेल न कसी जा सके, लेकिन कोई कार्रवाई की जहमत नहीं उठा रहा है। मोटरयान अधिनियम क्988 के तहत बाइक पर सिलेंडर ढोने वालों के विरुद्व कार्रवाई की जा सकती है। इस कानून को तोड़ने वालों पर भ्00 से दो हजार रुपए तक का चालान किया जा सकता है। हैरत की बात तो यह कि आरटीओ विभाग के अधिकारी ये कहकर अपना पलड़ा झाड़ रहे हैं कि उनके पास कोई मामला नहीं पहुंचा है। उनका कहना है कि शिकायत मिलने पर मामले की जांच कर कानून तोड़ने वालों के विरुद्व सख्त कार्रवाइर्1 करेंगे

ये कैसी निगरानी

कहने को शहर के सभी प्रमुख चौरहों पर ट्रैफिक पुलिस के जवानों की तैनाती है। जिले में यातायात पुलिस के पास क्म्0 से ज्यादा पुलिसकर्मियों का बल भी है। किसी भी गैस गोदाम से कंज्यूमर्स के घर तक सिलेंडर पहुंचाने के लिए हॉकरों को चौराहों से होकर गुजरना होता है। ऐसे में सवाल ये उठ रहा है क्या यातायात पुलिस की निगारानी व्यवस्था में खामी है या फिर हॉकरों को उनका संरक्षण मिला हुआ है?

क्या कहना है

बाइक का सिलेंडर या किसी माल की ढुआई के लिए यूज करना नियम के खिलाफ है। अगर कोई बाइक पर सिलेंडर ढोते पाया जाएगा तो उसके अगेंस्ट मोटरयान अधिनियम क्988 के तहत कार्रवाई हो सकती है।

राजीव मिश्र, ट्रैफिक एसपी, पटना।

Posted By: Inextlive