भारतीय प्राणी सर्वेक्षणपटना में जैव विविधता दिवस आयोजित

पटना (ब्यूरो)। दुनिया भर में जैव विविधता तेजी से घट रही है और जैव विविधता के नुकसान को रोकने के लक्ष्यों को अभी तक हासिल नहीं किया जा सका है। आगे जैव विविधता के नुकसान से बचने के लिए, क्षेत्र-आधारित संरक्षण नए जैव विविधता लक्ष्यों के हिस्सा बनेंगे। कारगर पहल की दरकार है। जो कि दुनिया भर की जैव विविधता ढांचे के लिए अहम हैं। ये बातें अंतरराष्ट्रीय जैव विविधता दिवस 2022 के अवसर पर भारतीय प्राणी सर्वेक्षण पटना के वरीय वैज्ञानिक एवं प्रभारी अधिकारी डॉ। गोपाल शर्मा ने कही। वे 'जैव-विविधता, पोषण, सुरक्षा एवं मानव कल्याणÓ विषय पर इस अवसर पर संबोधित कर रहे थे। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि संजय कुमार, सहायक निदेशक, पी.आई,बी, सूचना एवं प्रसारण मंत्रलाय, भारत सरकार,पटना थे। इस कार्यक्रम में पटना विश्व विद्यालय, पटना पटना विमेंस कॉलेज, पटना एवं किलकारी के बच्चों ने भाग लिया।

विनाशकारी है वर्तमान ट्रेंड
अपने संबोधन में आगे डॉ गोपाल शर्मा ने कहा कि पिछले 20 वर्षों में वैश्विक जंगलों का 7 पतिशत भाग नष्ट हो गया है। आज के तरह ही अगार मानव जनित घटनाएं होती रही तो कि 2070 तक 20 प्रतिशत से अधिक प्रजातियाँ हमेशा के लिये विलुप्त हो सकती हैं। डॉ। गोपाल शर्मा ने कहा कि जलवायु परिवर्तन और वर्तमान में चल रही महामारी हमारे प्राकृतिक पारिस्थितिक तंत्र पर अतिरिक्त दबाव डालेगी। भारत भी इसका अपवाद नहीं है। वर्तमान स्थिति से यह स्पष्ट हो रहा है कि प्रकृति और मनुष्य के बीच संतुलन लगातार बिगड़ रहा है। जैव विविधता का संरक्षण सामाजिक, आर्थिक और पर्यावरणीय कल्याण हेतु आवश्यक है।

वैज्ञानिकों ने दी चेतावनी
मुख्य अतिथि संजय कुमार कहा कि आज के दौर में जैव-विविधता विषय पर ध्यान देने की जरूरत है। क्योंकि ग्लोबल वार्मिंग और जलवायु परिवर्तन के चलते पर्यावरण में विशेष बदलाव हुआ है और हो रहा है। इसे देखते हुये पर्यावरणविद, वैज्ञानिक और अनुसंधानकर्ता अक्सर पर्यावरण संरक्षण पर बल देने की बात करते आ रहे है। वैज्ञानिकों ने चेताया है कि आने वाले समय में पौधों और जानवरों के प्रजातियों में से 25 फीसदी विलुप्त अवस्था में है। जबकि पर्यावरण संतुलन के लिए जानवरों का संरक्षण जरूरी है। पेट काटे जा रहे हैं, जंगल उजाड़ हो रहे हैं फिर भी अनदेखी हो रही है। जल स्रोतों का दोहन अंधाधुंध दोहन हो रहा है। ऐसे में जैव विविधता नष्ट हो रही है। ौके पर विभिन्न विश्वविद्यालयों से आए छात्रों को जैव विविधता को दर्शाते हुए प्रदर्शनी से अवगत कराया गया।

Posted By: Inextlive