Patna: आईनेक्स्ट सर्वे में यूथ का गुस्सा साफ दिखा. रूलिंग अलायंस में बीजेपी और जेडीयू के दोस्ती की टूट को किसी ने विश्वासघात माना तो किसी ने सेलफिशनेस. राजधानी का यूथ इस टूट के लिए बीजेपी और जेडीयू दोनों को दोषी मान रहा है. मगर वोट देने वाले इस यूथ को अब भी अपने स्टेट के डेवलपमेंट की चिन्ता है.


ओवर एंबिशन रिस्पांसिबलयूथ का एक बड़ा तबका इस पक्ष में है कि अब एक बार फिर से मैनडेट लेने की जरुरत है। यूथ डेमोक्रेसी के लिए आईडियोलॉजी को इंपॉर्टेंट मानता है और करेंट रेफरेंस में इस 'ब्रेकअपÓ के लिए कोई ओवर एंबिशन को रिस्पांसिबल मानता है.दोस्ती के लिए आज का यूथ कुछ भी करने को तैयार है और इसी कांसेप्ट के साथ जीने की तमन्ना भी रखता है। जेडीयू-बीजेपी के पॉलिटिकल दोस्ती की टूट को देखने का नजरिया भी यूथ का अलग है। यूथ इसे पचा नहीं पा रहा क्योंकि उसका मानना है कि इस अलायंस को नहीं टूटना चाहिए था। यह स्टेट के लिए इंपॉर्टेंट था। रीइलेक्शन पर ही सही फैसला


कंकड़बाग के शशांक का मानना है कि हमने अलायंस को मजबूती दी कि वह स्टेट के डेवलपमेंट में काम करे। इसी भरोसे के साथ वोट किया। मगर अब यह अलायंस टूट चुका है। अब फिर से इलेक्शन होगा तब सही फैसला हो सकेगा। वहीं दरियापुर के प्रकाश का कहना है कि इस टूट का घाटा तो दोनों को होना है। यह सिर्फ गवर्नमेंट से जुड़ा मामला नहीं बल्कि दोस्ती में दगाबाजी है। जिस मिनिमम प्रोग्राम के तहत यह अलायंस हुआ था, उसकी तो बात ही नहीं हो रही। इस टूट में स्वार्थ दिखने लगा है।

आई नेक्स्ट सर्वे

पता नहीं किस ओर जाएगा विकासबिहार में डेवलपमेंट हो रहा है, यह हर कोई मानने लगा था। इसके लिए लोगों का भरोसा और एनडीए की मेहनत ने काम किया। एक पार्टी की बात नहीं थी। कदमकुआं के मनीष कुछ ऐसा ही कहते हैं। दूसरी ओर हर्षल का कहना है कि अभी इस अलायंस की जरूरत कुछ सालों तक और थी डेवलपमेंट को पूरी तरह से पटरी पर लाने के लिए, जो बीच में ही टूट गया। कैसे किया गया सर्वेस्टेट के नए सियासी सिनारिया पर पटना के यूथ क्या सोचते हैं? जेडीयू-बीजेपी की 17 साल की दोस्ती के टूटने के इफेक्ट को आई नेक्स्ट ने एक सर्वे के माध्यम से सामने लाने की कोशिश की है। इसके तहत सर्वे फार्म और फेसबुक पर 10 क्वेश्चन डालकर उनके नजरिये को जानने का प्रयास किया गया। आज का यूथ जो वोट कर रहा है। अपने हक के लिए लड़ रहा है। आखिर वह क्या चाहता है। पटना के शहरी एरिया के 250 यूथ दोस्ती को किस रूप में देखते हैं, डेमोक्रेसी के लिए क्या जरूरी समझते हैं। दोस्ती टूटने से स्टेट के डेवलपमेंट पर क्या असर पड़ेगा जैसे सवालों पर उनकी बेबाक राय ली।क्वेश्चन फॉर सर्वे
यंग वोटर्स (22 से 30 वर्ष) की राय * क्या जेडीयू-बीजेपी की टूट दोस्ती के साथ विश्वासघात है? हां   32नहीं  14can't say 4* 17 साल के इस फ्रेंडशिप की टूट के लिए जिम्मेवार कौन? जेडीयू   32बीजेपी   14दोनों   20करेंट कंडीशन   34* क्या रूलिंग एलायंस में टूट से स्टेट के डेवलपमेंट पर फर्क पड़ेगा? हां  64नहीं  26can't say 4  * आपने किसे वोट दिया था? पार्टी   28एलायंस  48इंडिविजुअल कैंडिडेट   24* एलायंस टूटने के बाद क्या नए मैनडेट की जरुरत है? हां  52नहीं   42can't say 4 * सोसाइटी पर इस टूट का असर क्या होगा? निगेटिव   72पॉजिटिव  10कोई नहीं  18 * क्या इंडिविजुअल एंबिशन फ्रेंडशिप से ज्यादा जरूरी है? हां  8नहीं  46कभी-कभी  46* करेंट रेफरेंस में ब्रेकअप के लिए रिस्पांसिबल फैक्टर? दिल  6दिमाग  10सेलफिशनेस  22ओवर एंबिशन  62* क्या पॉलिटिकल फ्रेंडशिप सिर्फ मकसद पूरा करने के लिए होते हैं? हां  58नहीं  24कभी-कभी  18* डेमोक्रेसी में आइडियोलॉजी इंपॉर्टेंट है या इंडिविजुअल फेस? आइडियोलॉजी   46इंडिविजुअल फेस  2दोनों  46कह नहीं सकते  6

Posted By: Inextlive