कैबिनेट का फैसला

- पहले दिन राज्यपाल दोनों सदनों को संयुक्त रूप से करेंगे संबोधित

-बजट सत्र के पहले ही दिन सरकार सदन में पेश करेगी आर्थिक सर्वेक्षण

PATNA: बिहार विधानमंडल का बजट सत्र 19 फरवरी से होगा। करीब महीने भर में 22 बैठकें होगी। 22 फरवरी को वित्तीय वर्ष 2021-22 का बजट सदन में पेश होगा। ट्यूजडे को सीएम नीतीश कुमार की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट की बैठक में सप्तदश विधानसभा के दूसरे सत्र और विधान परिषद के 197वें सत्र के औपबंधिक कार्यक्रम का प्रस्ताव मंजूर किया गया। मंत्रिमंडल सचिवालय से प्राप्त जानकारी के अनुसार सत्र के पहले दिन राज्यपाल फागू चौहान विधान मंडल के विस्तारित भवन के सेंट्रल हॉल में दोनों सदनों के सदस्यों को संबोधित करेंगे। पहले ही दिन सरकार सदन में आर्थिक सर्वेक्षण भी पेश करेगी। इसके बाद शोक प्रकाश होगा। 20 और 21 फरवरी को बैठक नहीं होगी।

25 फरवरी को बजट पर चर्चा

22 फरवरी को वित्तीय वर्ष 2021-22 का बजट सदन में पेश किया जाएगा। साथ ही राज्यपाल के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव और वाद-विवाद होगा। इसके अगले दिन अभिभाषण पर सरकार का जवाब आएगा। 24 फरवरी को वित्तीय वर्ष 2020-21 का द्वितीय अनुपूरक बजट सदन में पेश होगा। साथ ही 2021-22 के बजट पर सामान्य वाद विवाद भी इसी दिन प्रस्तावित है। 25-26 फरवरी को आगामी वर्ष के बजट पर चर्चा होगी और सरकार का जवाब होगा।

24 मार्च तक बजट सेशन

27-28 मार्च को कोई बैठक प्रस्तावित नहीं है। एक मार्च से पांच मार्च के बीच 2021-22 की आय-व्यय के अनुदान मांगों पर चर्चा होगी। छह और सात मार्च को बैठक नहीं होंगी। आठ से 10 मार्च के बीच भी 2021-22 की आय-व्यय के अनुदान मांगों पर वाद-विवाद मतदान प्रस्तावित है। 11 मार्च को महाशिवरात्रि की वजह से बैठक नहीं होगी। 12 मार्च को भी विभागों की अनुदान मांगों पर वाद-विवाद तथा मतदान होगा। 13 व 14 मार्च को बैठक नहीं होगी। अनुदान मांगों और विनियोग विधेयक के लिए सरकार ने 12 कार्य दिवस निर्धारित किए हैं। 24 मार्च को गैर सरकारी सदस्यों के गैर सरकारी संकल्प लेने के साथ ही विधानसभा की कार्यवाही अनिश्चितकाल तक के लिए स्थगित हो जाएगी।

वित्त को नहीं मिला कई विभागों का प्रस्ताव

विधानमंडल में पेश होने वाले द्वितीय अनुपूरक में शामिल करने के लिए सरकार के कई विभागों ने अबतक अपना प्रस्ताव नहीं भेजा है। इन विभागों को वित्त विभाग ने एक और मौका दिया है। अब वे 22 जनवरी तक प्रस्ताव भेज सकते हैं। यह आखिरी मौका है। वित्त विभाग के प्रधान सचिव एस सिद्धार्थ ने सभी विभागों के अपर मुख्य सचिव, प्रधान सचिव और सचिव को पत्र भेज कर साफ कह दिया है कि 22 जनवरी के बाद भेजे गए प्रस्ताव द्वितीय अनुपूरक व्यय विवरणी में शामिल नहीं किए जाएंगे। विधानमंडल का सत्र 19 फरवरी से प्रस्तावित है। इससे पहले वित्त विभाग ने 31 दिसंबर 2020 को सभी विभागों को पत्र भेज 8 जनवरी तक प्रस्ताव मांगा गया था। 8 के बदले 18 जनवरी तक कई विभागों के प्रस्ताव नहीं मिले तो वित्त विभाग के प्रधान सचिव को फिर रिमांइडर देना पड़ा।

बाधित होंगी योजनाएं

अगर समय पर प्रस्ताव नहीं आए और द्वितीय व्यय विवरणी में शामिल कर विधान मंडल की स्वीकृति नहीं ली गई तो कई महत्वपूर्ण योजनाएं बाधित हो सकती हैं। उनमें ऐसी केंद्र प्रायोजित योजनाएं भी शामिल हैं, जिन्हें पूरा करने के लिए केंद्र के साथ राज्य को भी धन देना पड़ता है। कुछ ऐसी योजनाएं भी हैं, जिन्हें राज्य का हिस्सा नहीं मिला तो केंद्र की ओर से दी जाने वाली राशि की तमादी हो जाएगी।

Posted By: Inextlive