'खुले नाले से बचाओÓ अभियान विषय पर दैनिक जागरण आई नेक्स्ट

पटना (ब्यूरो)।दैनिक जागरण आई नेक्स्ट की ओर से शहर में 'खुले नाले से बचाओÓ अभियान चलाया गया। इसके तहत शहर के सभी बड़े खतरनाक खुले नालों की पड़ताल की गई। इसका असर भी दिखा। नगर निगम ने खुले नालों को सुरक्षित बनाने के लिए कई कदम उठाए हैैं। इसको लेकर मंगलवार को दैनिक जागरण आई नेक्स्ट ऑफिस में एक परिचर्चा का आयोजन किया गया। इसमें शहर के कई गणमान्य लोग शामिल हुए।

लापरवाह अधिकारी जिम्मेवार

परिचर्चा में शामिल शहरवासियों ने नगर निगम व जिला प्रशासन के लापरवाह अधिकारियों को इसके लिए जिम्मेवार ठहराया। सभी अतिथियों ने कहा कि नालों की सफाई होनी चाहिए और उन्हें सुरक्षित बनाया जाना चाहिए। प्रतिभागियों ने कहा कि आम लोगों को भी एकजुट होकर अपनी समस्याओं को लगातार उठाते रहना होगा, तभी खुले नालो की समस्या का हल निकाला जा सकता है। साथ ही यह भावना मन से निकाल देनी होगी कि ऐसा हो ही रहा है तो हम क्या कर सकते हैं। परिचर्चा का संचालन दैनिक जागरण आई नेक्स्ट पटना के संपादकीय प्रभारी डॉ। उज्ज्वल कुमार ने किया।

सैदपुर नाले का मामला प्रमुखता से उठा
इस परिचर्चा में वैसे तो पटना के सभी नालों की समस्या पर चर्चा हुई, लेकिन प्रमुखता से सैदपुर नाला का मामला उठा। परिचर्चा में शामिल पाटलिपुत्र नगर विकास समिति समिति के अध्यक्ष रितेश कुमार बबलू ने कहा कि यह पटना का सबसे बड़ा नाला है और इसकी हमेशा ही अनदेखी की गई है। आज भी यह मौत का नाला कहा जाता है। डीपीआर 2009 में बनी थी लेकिन आज तक इस नाले पर सड़क नहीं बनाई गई है।

परिचर्चा में आए गेस्ट अंजनी कुमार ने कहा कि हर दिन इस नाले में लोगों और मवेशियों के गिरने की घटनाएं हो रही हैं। उन्होंने कहा कि एक जमाने में शहर का नाला रोड भी इसी नाले का हिस्सा था। जब यहां सड़क बन जाने से कोई समस्या नहंी हुई तो सैदपुर नाला पर सड़क बन जाने से भला क्या समस्या होगी। यदि सड़क बन जाए तो यह नाला सीधे यहां के स्थानीय लोगों को बेली रोड से जोडऩे में सफल रहेगा। वहीं, भावी मेयर प्रत्याशी व दूरदर्शन की पूर्व डायरेक्टर डॉ रत्ना पुरकायस्था ने कहा कि यदि अभियान को सफल बनाना है तो किसी न किसी को आगे आना ही होगा।

परिचर्चा का सार
सभी नगरवासी टैक्स देते हैं। सुविधा प्राप्त करना उनका वाजिब हक है।
अपनी चुप्पी तोडें और समस्या को जिम्मेवार अधिकारी के पास लेकर जाएं।
जिम्मेदार लोगों को जगाने के लिए साहस दिखाएं और सुधार के लिए कदम बढ़ाएं
जो कोई नेता या पदाधिकारी वादा करें तो वे याद रखें कि जब तक काम पूरा न हो, वादा याद दिलाते रहें।
एकजुट रहकर ही अधिकारियों को हमेशा जगाए रखा जा सकता है।

Posted By: Inextlive