कालचक्र मैदान में 29 से 31 दिसंबर तक करेंगे प्रवचन पहली जनवरी को महाबोधि मंदिर में करेंगे विशेष पूजा-अर्चना काटेंगे केकएक दर्जन देशों के लगभग 50 हजार से अधिक श्रद्धालुओं का आगमन संभावित कोरोना गाइड लाइन का अनुपालन हुआ अनिवार्य

पटना (ब्यूरो)। कोरोना कालीन दो वर्ष के अंतराल के बाद गुरुवार को तिब्बतियों के आध्यात्मिक धर्मगुरु दलाई लामा बोधगया पहुंचे। वे एक माह तक बोधगया में प्रवास करेंगे। उस दौरान 29 से लेकर 31 दिसंबर तक वे कालचक्र मैदान में प्रवचन करेंगे। पहली जनवरी, 2023 को महाबोधि मंदिर में विशेष पूजा-अर्चना कर नववर्ष के आगमन पर केक काटेंगे और श्रद्धालुओं को शुभकामना देंगे। बौद्ध भिक्षुओं द्वारा उनकी दीर्घायु व स्वस्थ जीवन की कामना के साथ विशेष प्रार्थना की जाएगी।

मंत्रोच्चार से हुआ स्वागत

दिल्ली से चार्टर्ड विमान से 14वें दलाई लामा गया अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डा पर पूर्वाह्न 10:00 बजे पहुंचे। हवाईअड्डा पर जिलाधिकारी डा। त्यागराजन एमएस व एसएसपी हरप्रीत कौर ने उनकी अगवानी की। पारंपरिक परिवेश में रहे बौद्ध लामाओं ने वाद्य यंत्र वादन और मंत्रोच्चार कर उनका स्वागत किया। उसके बाद कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच दलाई लामा प्राचीन तिब्बत बौद्ध मठ पहुंचे। वहां वे एक माह तक प्रवास करेंगे। दलाई लामा के आने पर उनकी एक झलक पाने को लेकर काफी संख्या में तिब्बती मूल के उनके अनुयायी व श्रद्धालु सुबह आठ बजे से ही तिब्बत बौद्ध मठ से दूर तक कतार में खड़े थे। उनके हाथों में खादा (बौद्ध आस्था का प्रतीक वस्त्र) था। अपने विशेष वाहन में सवार दलाई लामा हाथ हिलाकर उनका अभिवादन स्वीकार कर रहे थे।

कोरोना गाइडलाइन लागू

दलाई लामा के कार्यक्रम में एक दर्जन देशों के 50 हजार से अधिक बौद्ध धर्मावलंबियों की सहभागिता का अनुमान है। विदेश से आने वाले लोगों के कारण कोरोना संक्रमण न फैल जाए, इसे लेकर गया के सिविल सर्जन डा। रंजन ङ्क्षसह ने पुरानी गाइड लाइन को प्रभावी कर दिया है। मास्क लगाने के साथ शारीरिक दूरी का अनिवार्य रूप से पालन करना है। गया हवाईअड्डा के अलावा बोधगया स्वास्थ्य केंद्र पर भी कोरोना जांच की व्यवस्था की गई है। जांच में मोबाइल टीम को भी लगाया गया है।

बोधगया में कड़ी सुरक्षा के इँतजाम

दलाई लामा कई आतंकी संगठनों के निशाने पर हैं। इसे देखते हुए बोधगया में उनकी सुरक्षा की कड़ी व्यवस्था की गई है। एसएसपी हरप्रीत कौर ने बताया कि उनकी तीन स्तर की सुरक्षा व्यवस्था रहती है। इसके अलावा जिला पुलिस है। एक अस्थायी थाना भी खोला गया है। प्राचीन तिब्बत बौद्ध मठ, जहां वे रुके हुए हैं, को सुरक्षा एजेंसियों ने अपने घेरे में ले लिया है। सीसी कैमरों के माध्यम से आने-जाने वालों पर नजर रखी जा रही है। तिब्बत बौद्ध मठ से लेकर कार्यक्रम स्थल (कालचक्र मैदान) तक सीसी कैमरों व वाच टावर के साथ वीडियोग्राफी के माध्यम से हर गतिविधि पर नजर रखी जा रही है। कालचक्र मैदान व तिब्बत बौद्ध मठ में पहचान पत्र के साथ सुरक्षा जांच के बाद ही प्रवेश दिया जा रहा है।

Posted By: Inextlive