कौन बचाएगा दीप की जान?
अंडरवेट था, इसलिए
दीप ऐसी मां का बच्चा है, जिसके सिर पर ना तो अपनी छत है और ना ही अपने रिश्तेदारों का आसरा। दीप की मां मोनिका एक संस्था के सहारे जी रही है। मार्च 2012 में दीप के अचानक से बीमार पडऩे के बाद उसे डॉक्टर से दिखाया गया। चेकअप कराने के बाद पता चला कि उसके दिल में एक सुराग है। ऑपरेशन कराना है, पर बच्चा अंडरवेट है, इसलिए ऑपरेशन सितंबर तक टाल दिया गया है। तब से उस संस्था की हेल्प से इलाज तो चल रहा है, पर एक-एक दिन उस मां पर भारी पड़ रहा है।
जन्म से ही आफत
दीप की कहानी भी अजीब है। दीप की मां मोनिका जब महज 16 वर्ष की थी, तब उसके भाई ने लगभग 70 साल के एक बूढ़े के हाथों बेच दिया था। यही नहीं जबरदस्ती उससे मोनिका की शादी भी करवाई। वहां भी मोनिका ने नीयति से समझौता कर रहना चाहा, पर मारपीट से तंग आकर मोनिका को ससुराल छोडऩा पड़ा। जब मोनिका घर से भागी थी, तब वह प्रेगनेंट थी। वह जीआरपी के हाथों गिरफ्तार होने के बाद संस्था में पहुंच गई। कुछ ही महीनों के बाद काफी क्रिटिकल कंडीशन में दीप का जन्म 21 जून 2011 को पीएमसीएच में हुआ था। तब से लेकर अब तक दीप बीमार ही है।