शुक्रवार को पटना में डेंगू के 96 नए मामले मिले अब तक 1172 मामले की पुष्टि

पटना (ब्यूरो)। पटना में डेंगू महामारी की तरह विस्तार ले रहा है। एक तो मौसम अनुकूल है डेंगू के लार्वा के पनपने और बढऩे को तो दूसरा, पटना नगर निगम की ओर से ज्यादा संवेदनशील इलाकों में विशेष अभियान की कमी है। इसके साथ ही स्थानीय आमजन की लापरवाही भी इसे बेलगाम बना रही है। शुक्रवार की शाम तक सिविल सर्जन, पटना ऑफिस से मिली जानकारी के अनुसार, डेंगू के 96 नए केस मिलने की पुष्टि हुई है। इस आंकड़े के साथ ही पटना में इस सीजन में डेंगू के कुल 1172 मामले सामने आ चुके हैं। पटना के निचले इलाकों और जहां-जहां खाली प्लॉट वाले इलाके हैं, वहां कचरा डंप की समस्या इसे गंभीर बना रहा है। पेश है दैनिक जागरण आई नेक्स्ट की रिपोर्ट।

घरों के आस-पास जलजमाव
बाइपास के इलाके कभी पटना के जल्ला क्षेत्र के तौर पर जाने जाते थे, जहां बारिश का पानी जमता था। तब सिर्फ इन जगहों पर खेत थे। अब यह पूरा रिहाइशी इलाके में तब्दील हो चुका है। लेकिन पानी अब भी जमता है। इसमें कोई कमी नहीं है। इसका कारण अधिक बारिश नहीं, बल्कि स्थानीय लोगों की लापरवाही है और ऐसे संवेदनशील इलाकों में समुचित सफाई और फागिंग का अभाव कोढ़ में खाज की स्थिति पैदा कर रहा है। जाहिर है, न्यू बाइपास के तमाम वैसे इलाके जहां जलजमाव हो रहा है, वे डेंगू के ब्रीडिंग ग्राउंड बन चुके हैं।

एक मिनट भी खड़े नहीं रहेंगे
न्यू बाइपास के वैसे तमाम निचले इलाके जहां जलजमाव है, गंदगी है- मच्छरों का अंबार लगा रहता है। यहां शाम होते ही मच्छरों का इतना अधिक प्रकोप है कि एक मिनट भी व्यक्ति खड़ा नहीं रह सकता है। यहां बहुत अधिक मच्छर है जिसके डंक से स्थानीय ही नहीं बल्कि यहां से गुजरने वाले भी प्रभावित होते हैं।

खाली प्लॉट में भी मच्छर
दैनिक जागरण आई नेक्स्ट ने न्यू बाइपास इलाके के खेमनीचक इलाके का पूरा मुआयना किया। इस दौरान यह पाया गया कि यहां मौजूद खाली प्लॉट के आस-पास स्थानीय लोग कचरा जमा कर रहे हैं। उधर, स्थानीय लोगों का कहना है कि यहां से नियमित रूप से कचरा उठाव नहीं किया जाता है। इसके कारण बारिश का पानी में कचरा सड़ता -गलता रहता है। ये कचरा डंप के अड्डे बन गए हैं। खेमनी चक में सब्जी मंडी से लेकर गोलकी मोड़ चौराहे के आसपास के पास में स्थित प्लॉटों का हाल-बेहाल है। यहां लोगों ने जमीन खरीद कर बिना बाउंड्री वाल के छोड़ दिया है। यहां लोग कचरा फेंक जाते हैं। खाली प्लाट मच्छरों के लिए ब्रीडिंग ग्राउंड बन गए हैं।

लोगों में है आक्रोश
पटना नगर निगम की लापरवाही और साफ-सफाई की कमी के कारण यहां स्थानीय लोगों में काफी आक्रोश व्याप्त है। खाली प्लॉट में बाउंड्री वाल नहीं होने से यहां नालों का गंदा पानी जा रहा है। सिर्फ यही नहीं, कई इलाकों में तो कूड़ा डंपिंग एरिया बन चुका है। स्थानीय लोगों ने इस समस्या को लेकर निगम से गुहार भी लगाई है। लेकिन निगम की ओर से समुचित सफाई और फागिंग का अभाव है।

फॉगिंग की समुचित व्यवस्था नहीं
पटना में लगातार मिल रहे डेंगू संक्रमित के बाद भी पटना नगर निगम अलर्ट मोड में नहीं है। कम से कम खेमनीचक के इलाकों का विजिट कर तो यही दिख रहा है। खेमनी चक से लेकर गोलकी मोड़ इलाके में फॉगिंग के नाम पर सिर्फ औपचारिकता की जा रही है। स्थानीय लोगों की माने तो महीने में एक -दो दिन नगर निगम की गाड़ी आकर फॉगिंग कर चली जाती है। फॉगिंग को लेकर स्थानीय लोक आक्रोश जताते हुए दैनिक जागरण आई नेक्स्ट की टीम से बताया कि लोग रात ही नहीं, दिन में भी मच्छरदानी लगाने को मजबूर है।


केसरी नगर में भी बना कचरा डंप
उधर, शहर के पश्चिमी इलाके केसरी नगर के लोग भी भी डेंगू से प्रभावित है। यहां शिव मंदिर के पास खाली प्लॉट में भी लोग कचरा डंप करने लगे है। स्थानीय लोगो ने बताया कि पिछले दिनों पटना नगर निगम का हड़ताल चल रहा था। हड़ताल के दौरान स्थानीय लोगों ने खाली पड़े प्लॉट में कचरा फेंक दिए। हड़ताल खत्म होने के बाद निगम की ओर से कचरा उठाव नहीं किया गया । अब कचरा सडऩे लगा है.राजीव नगर के खाली प्लाटों में भी यही स्थिति है।

Posted By: Inextlive