- आंख और जीभ दोनों निकले हुए थे बाहर

- पोस्टमार्टम रिपोर्ट से होगा असल खुलासा

- आरोपितों का कॉल डिटेल खंगालने में जुटी है पुलिस

PATNA : दीपू तिवारी की हत्या गला दबाकर की गई थी। डेड बॉडी को देखे जाने के बाद इसी बात की आशंका जताई गई है। जिस वक्त पुलिस के हाथ दीपू की डेड बॉडी लगी थी, उस दौरान जीभ मुंह से बाहर निकला था। आंखें बाहर की ओर निकली थीं, गला भी टेढ़ा था। दीपू की गला दबाकर हत्या किए जाने की आशंका पुलिस और उसकी फैमिली दोनों को है। हालांकि सही स्थिति जानने के लिए सभी को पोस्टमार्टम रिपोर्ट के आने का इंतजार है। चूंकि दीपू की मौत कैसे हुई? इस सवाल का सही जवाब पोस्टमार्टम रिपोर्ट के आने पर ही मिलेगा। जिस हालत में दीपू की डेड बॉडी मिली थी, वो पानी में अधिक समय तक होने के कारण फुल हुई थी। सवाल ये भी है कि उसकी डेड बॉडी दारोगा राय पथ के नाले में पहुंची कैसे?

-फ्लैट से जुड़ा है हत्या का कारण

दीपू तिवारी की हत्या के पीछे क्या कारण हैं? हत्या की वारदात को कब, क्यों और किसने अंजाम दिया? इसका अब तक कुछ पता नहीं चल सका है। लेकिन सोर्स की मानें तो हत्या के पीछे का कारण फ्लैट और उसमें रहने वाले लोगों से जुड़ा हो सकता है। पुलिस की इंवेस्टिगेशन में ही ये साफ हो सकेगा। चूंकि पटेल नगर के गोकुल पथ स्थित दुर्गा गृह फोर्ट अपार्टमेंट के फ्लैट नंबर ब्0ब् में दीपू रहता था। साथ ही विकास झा और विकास पाठक भी रहते थे।

- पल-पल बदली बातें

दीपू का मोबाइल स्वीच ऑफ मिलने पर ही सीवान से उसकी मां प्रतिभा तिवारी और फैमिली के दूसरे लोग पटना पहुंचे थे। सबसे पहले सारे लोग फ्लैट पर गए, जहां उनकी मुलाकात विकास पाठक से हुई थी। प्रतिभा की मानें तो हर पल विकास पाठक बातों को बदलता रहा। कभी हो दीपू के दिल्ली जाने की बात कहता था तो कभी क्9 मार्च को ज्ञानेंद्र के पास मैच देखने के लिए जाने की बात करता।

- पुलिस के पास नहीं जाने की दी थी सलाह

हर पल बात बदलने के दौरान विकास पाठक ने दीपू की मां को पुलिस के पास नहीं जाने की सलाह दी थी। प्रतिभा तिवारी को वो लगातार यही समझाने में लगा रहा कि होली के बाद दीपू को खोजेंगे। इसके बाद उसने ये भी बताया था कि दीपू और ज्ञानेन्द्र के बीच झगड़ा हुआ था। दोनों का झगड़ा क्रिकेट मैच देखने के दौरान हुआ। लेकिन किस बात पर हुआ, ये विकास पाठक ने साफ नहीं किया। विकास लगातार अपनी स्कूटी वापस दिलाने की बात कह रहा था।

- सीडीआर निकला रही है पुलिस

दीपू हत्याकांड की जांच कोतवाली थाने की पुलिस ने तेजी से शुरू कर दी है। पुलिस के अनुसार, आरोपित विकास पाठक, विकास झा, मोदी, छोटू और ज्ञानेन्द्र के मोबाइल नंबर का कॉल डिटेल खंगाला जा रहा है। हालांकि एफआईआर दर्ज होने के ब्8 घंटे बाद तक इस मामले में कोई गिरफ्तारी नहीं हुई है। गौरतलब है कि क्9 मार्च से लापता दीपू तिवारी की डेड बॉडी ख्फ् मार्च को दारोगा राय पथ के एक नाले में मिली थी।

- न्याय की आस

फैमिली वालों को पटना पुलिस से न्यास की आस है। शनिवार की दोपहर कोतवाली थाना के बाहर फैमिली वालों ने न्याय की मांग करते हुए प्रदर्शन किया। जबकि शाम में गांधी मैदान स्थित कारगील चौक से कैंडिल मार्च निकाला।

Posted By: Inextlive