- मधेपुरा में सरकारी अस्पताल और थाने के समीप चल रहा था निजी अस्पताल

- फर्जी डॉक्टर के साथ सहयोगी भी पकड़ा गया, अस्पताल किया गया सील

- नि:संतान दंपती को 65 हजार रुपये में बेचा जाता बच्चा

PATNA: मधेपुरा के चौसा सरकारी अस्पताल और थाने के समीप पिछले डेढ़ साल से संचालित बाबा विशुराउत हास्पिटल में शुक्रवार को अनुमंडल पदाधिकारी कुमार राजीव रंजन के नेतृत्व में पुलिस ने छापामारी की। अस्तपाल का संचालन करने वाले डा। आरके रवि को उसके सहयोगी नवीन कुमार के साथ गिरफ्तार कर लिया गया। अस्तपाल को सील कर दिया गया है। उसमें नवजात की खरीद-बिक्री होती थी।

फर्जी डिग्री के सहारे संचालन

आरके रवि चिकित्सा विज्ञान की फर्जी डिग्री के सहारे वर्ष 2019 के अक्टूबर से अस्पताल का संचालन कर रहा था। ग्रामीण क्षेत्र होने की वजह से अस्पताल प्रबंधन को काफी फायदा हो रहा था। दलालों, आशा कार्यकर्ता व ममता कार्यकर्ता की मिलीभगत से अस्पताल फल-फूल रहा था। मुख्य रूप से यह अस्पताल प्रसव, नवजात शिशु व सर्जरी चिकित्सा के लिए क्षेत्र में प्रसिद्ध था। प्रसूताओं के स्वजनों को जच्चा-बच्चा की जान खतरे में बताकर मोटी रकम वसूल की जाती थी। नि:संतान दंपती को मोटी रकम लेकर बच्चा उपलब्ध कराया जाता था। बीच बाजार में संचालित इस अस्पताल के बारे में प्रशासनिक अधिकारी और स्वास्थ्य विभाग को खबर नहीं थी या सभी जान-बूझकर मुंह फेरे बैठे थे, यह बड़ा सवाल है।

विशुराउत अस्पताल में 65 हजार रुपये में बच्चा बेचा जा रहा था। योग्यता प्रमाण पत्र, निबंधन पत्र समेत अन्य कागजात उपलब्ध नहीं होने के कारण आरके रवि व उसके सहयोगी नवीन कुमार को गिरफ्तार कर लिया गया।

- कुमार राजीव रंजन, एसडीओ, चौसा, मधेपुरा

Posted By: Inextlive