- बीते कई दिनों से नालों में पलट रहे वाहन

- शिकायत के बाद भी प्रशासन नहीं दे रहा ध्यान

PATNA:

पटना में एक तरफ जहां नाला उड़ाही शुरू हो चुका है वहीं दूसरी तरफ इन खतरनाक नालों में गाडि़यों के गिरने के मामले भी बढ़े हैं। इन नालों के किनारे सुरक्षा दीवार बनाने की घोषणा तो हो गई है, लेकिन इस बीच हो रहे हादसों को रोकने के लिए कोई व्यवस्था प्रशासन की ओर से नजर नहीं आती है। शहर के सारे बड़े नाले यूं ही खुले हुए हें और हर रोज हादसे को निमंत्रण दे रहे हैं। बीते माह में मंदिरी नाला हो या सैदपुर कई हादसों को निमंत्रण दे चुका है। पिछले दो-तीन दिनों से सैदपुर नाले में भी हादसे हो गए हैं, लेकिन प्रशासन की नींद नहीं टूट रही है।

शनिवार को नाले में पलटी ई रिक्शा

नगर निगम के बांकीपुर और पटना सिटी अंचल अन्तर्गत सैदपुर-पहाड़ी नाला के पास सड़क के उत्तर और दक्षिण का इलाका पूरी तरह गड्ढे में तब्दील हो चुका है। हाल ये है कि इस सड़क पर वाहन से तथा पैदल चलना मुश्किल हो रहा है। वाहनों के असंतुलित होने से हर दिन दुर्घटना हो रही है। इसी मार्ग पर शनिवार को यात्रियों से भरा एक ई-रिक्शा पलट गया। ई-रिक्शा नाला में गिरते-गिरते बचा। यात्रियों को चोट आई। स्थानीय लोगों की मानें तो ये कोई पहला हादसा नहीं है बीते तीन दिनों में नाले में ऑटो और साइकिल सहित कई गाडि़यां फिसल चुकी हैं। लोगों को हमेशा गिरने का डर बना रहता है।

क्या है नाले का हाल

सैदपुर नाला की इन दिनों उड़ाही भी चल रही है। नाले का ये पार्ट बांकीपुर अंचल के अंर्तगत आता है। कार्यपालक पदाधिकारी की मानें तो भूमिगत नाला निर्माण होने के दौरान कई जगह सड़क खोद कर छोड़ दिया गया है। इसके अलावा नाला के तरफ की सड़क थोड़ी झुक भी गई है। सड़क किनारे बने मकानों की सीढि़यां, चबूतरा तथा कई मकान का हिस्सा भी सड़क की जमीन पर ही बना है। ऐसे में संकीर्ण हुई सड़क जानलेवा बनती जा रही है। इसके साथ ही उत्तर की चौड़ी सड़क अतिक्रमित होकर संकीर्ण हो गयी है। नमामि गंगे योजना के तहत भूमिगत नाला निर्माण किए जाने के कारण तोड़ी गयी सड़क कई जगहों पर पूरी तरह से ध्वस्त हो चुकी है। वाहनों की आवाजाही के लिए पांच-छह फीट चौड़ी जगह ही बची है।

पक्की सड़क की है कमी

शनिचरा पुलिया से लेकर गायघाट पावर ग्रिड तक नाला के दक्षिण की सड़क का पक्कीकरण हुआ है उसी तरह शनिचरा से आगे सैदपुर तक तथा उत्तर की सड़क का भी पक्कीकरण आवश्यक है। इन दोनों सड़कों से लाखों की आबादी जुड़ी है। दोनों ओर घनी आबादी है। सड़क बन जाने से नाला में गिरने का खतरा और संक्रमण फैलने का डर भी समाप्त हो जाएगा। पदाधिकारी बताते है कि कई बार इसके लिए लेटर लिखा जा चुका है।

हो चुके हैं कई हादसे

- शनिवार को ई रिक्शा पटली

- शुक्रवार को ऑटो पलटा

- पिछले दिनों सैदपुर नहर में एक फोर विलर गाड़ी पलट गई

- बाइपास नाले की उड़ाही के दौरान एक बाइक सवार गाड़ी के साथ नीचे गिर गया था। लोगों की तत्परता से उसे बचा लिया गया।

- पिछली बारिश के दौरान सैदपुर नहर में साइड वाल ढह गया था। इससे सड़क पर यातायात प्रभावित हुआ था। इसके बाद से लगातार सैदपुर नहर के साइड वॉल की मरम्मत का कार्य पूरा कराने की मांग होती रही है।

- कुछ दिनों पूर्व भी मंदिरी नाले में गिर कर एक युवक की मौत हो चुकी है। ऐसे में कई बार सवाल उठे है सुरक्षा को लेकर लेकिन निगम इस पर कोई कार्रवाई नहीं कर पाता था।

बुडको के जिम्मे है मरम्मत का काम

शहर के सभी 9 बड़े नालों की देखरेख बुडको के जिम्मे है। हालांकि सफाई नगर निगम ही करेगा लेकिन मेंटेनेंस संबधी जो भी काम होंगे वो बुडको को करना होगा। बुडको की ओर से नाला के साइड वॉल निर्माण की योजना बनाई गई है। बाईपास नाला, सैदपुर नाला, बाकरगंज नाला, सर्पेंटाइन नाला, मंदिरी नाला, पटेल नगर नाला, आनंदपुरी नाला और आाशियाना-दीघा रोड के बाद राजीव नगर नाले में साइड वॉल के निर्माण की योजना तैयार की गई है। इसे सड़क से करीब तीन फीट तक ऊंचा बनाया जाएगा।

नाले के किनारे दीवार नहीं है जिस कारण हादसा हुआ है। इसके लिए लेटर कई बार लिखा गया है।

देवेन्द्र सुमन, कार्यपालक पदाधिकारी,

बांकीपुर अंचल

Posted By: Inextlive