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क्कन्ञ्जहृन् : अनीसाबाद में पकड़े गए अवैध टेलीफोन एक्सचेंज से बरामद सिम की जांच में पुलिस जुट गई है। उसका डाटा खंगाला जा रहा है। गौरतलब है कि पुलिस ने मौके से 64 सिम कार्ड, कंप्यूटर, सीपीयू सहित कई सामान बरामद किया था। प्रारंभिक जांच के अनुसार, सबसे अधिक कॉल पाकिस्तान व खाड़ी देशों जैसे-ईरान, इराक, सऊदी अरब, ओमान में किए गए हैं।

बड़े शहरों में बैठे हैं संचालक

जांच टीम के अनुसार, फर्जी टेलीफोन एक्सचेंज का पूरा सिंडिकेट काम करता है। इसके मुख्य संचालक दिल्ली और मुंबई जैसे शहरों में बैठते हैं। छोटे-छोटे शहरों में अपना नेटवर्क तैयार करते हैं। अनीसाबाद में पकडे़ गए फर्जी टेलीफोन एक्सचेंज के तार सिलीगुड़ी से भी जुड़ रहे हैं। बताया जा रहा है कि इसका मुख्य संचालक सबीउल्लाह सिलीगुड़ी में रहता है। इसके पहले पिछले साल गांधी मैदान में पकड़े गए फर्जी एक्सचेंज मामले में भी नेपाल और दिल्ली का लिंक सामने आया था मगर कोई बड़ा खुलासा नहीं हो सका। इसी माह दिल्ली में लाल किले के पास भी फर्जी टेलीफोन एक्सचेंज का खुलासा हुआ है।

4 साल में एक्सचेंज का खुलासा

अवैध टेलीफोन एक्सचेंज का मामला नया नहीं है। इसके पहले भी राजधानी में पिछले चार सालों में तीन फर्जी टेलीफोन एक्सचेंज पकड़े गए हैं। पिछले साल जनवरी में ही गांधी मैदान के सलिमपुर अहरा के गली नंबर दो से फर्जी टेलीफोन एक्सचेंज पकड़ा गया था। इसमें भी इंटरनेशल कॉल को लोकल में बदलकर बातचीत कराने का खुलासा हुआ था। इसके तार दिल्ली और नेपाल से भी जुड़े थे। इसके पहले वर्ष 2017 में भी गांधी मैदान थाना क्षेत्र से ही फर्जी टेलीफोन एक्सचेंज का खुलासा हुआ था। आश्चर्य की बात यह है कि इसका संचालन भी अनिल और सुशील चौरसिया ही करते थे। कुछ समय बाद ही उन्होंने फिर से अनीसाबाद में इसका संचालन शुरू कर दिया।

नौ माह पहले से रडार पर

अनीसाबाद में पकड़ा गया अवैध टेलीफोन एक्सचेंज नौ महीने से खुफिया रडार पर था। जानकारी के अनुसार, यहां आने वाले इंटरनेशनल कॉल बीच में ही ड्रॉप हो जाते थे। लगातार इंटरनेशनल यानी आईएसडी कॉल पर इस तरह की हरकत होने पर खुफिया विभाग की टीम ने करीब नौ महीने पहले बिहार पुलिस को अलर्ट किया था। इसके बाद से ही पुलिस इनकी तलाश में लगी थी। बहुत छानबीन के बाद कुछ दिनों पूर्व ही अनीसाबाद के आसपास फर्जी टेलीफोन एक्सचेंज होने का शक हुआ। इसके बाद पुलिस ने रेकी कर पहले तसल्ली कर ली इसके बाद एटीएस की मदद से छापेमारी कर पूरे मामले का पर्दाफाश किया। इसमें टेलीकॉम कंपनी के भी कर्मचारी की मिलीभगत की आशंका जाहिर की जा रही है।

जेल भेजे गए दोनों आरोपी

अवैध टेलीफोन एक्सचेंज चलाने वाले सगे भाइयों अनिल चौरसिया और सुशील चौरसिया को बुधवार को जेल भेज दिया गया। इस बाबत गर्दनीबाग थाने में प्राथमिकी दर्ज की गई है। इसके पूर्व दोनों भाइयों से करीब छह घंटे लंबी पूछताछ की गई। दोनों भाई मूल रूप से गोपालगंज के बैकुंठपुर के रहने वाले हैं और इसके पूर्व भी गांधी मैदान में फर्जी टेलीफोन एक्सचेंज मामले में आरोपित रहे हैं। उस समय अनिल भागने में सफल हो गया था। इसके बाद से ही पुलिस को इनकी तलाश थी।

Posted By: Inextlive