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PATNA : सोना कभी भी कम आंकने की चीज नहीं है। लेकिन, हाल के कुछ दिनों में नोटबंदी के असर को देखकर इस बात पर थोड़ा संशय बन गया है। सोना का भाव प्रति दस ग्राम करीब दो हजार रुपए तक गिर गया। इससे सर्राफा व्यापार काफी प्रभावित हुआ है। हालांकि सर्राफा बाजार विशेषज्ञों का मानना है कि यह नकारात्मक प्रभाव अस्थायी है और आगे स्थिति बेहतर होगी।

ग्राहकों की संख्या में आई कमी

नोटबंदी के बाद से डिजिटल मोड से पेमेंट का असर सोना की खरीदारी पर भी दिखा। जहां पहले लोग जेवर खरीदते थे तो उसकी पक्की रसीद लेने से थोड़ा बचने का प्रयास करते थे। लेकिन नोटबंदी के बाद से पेमेंट पीओएस मशीन व चेक द्वारा ही की जा रही है। खरीदारी की संख्या बुक्स ऑफ अकाउंट्स में स्वत: दर्ज हो जा रहा है। नोटबंदी से पहले और बाद की खरीदारी में रिकार्ड के हिसाब से बढ़ोतरी हुई है। इसके साथ ही एग्जेक्ट अमाउंट पे करने पर भी जोर दिया जा रहा है।

वक्त को जाने, फायदे को ही माने

नोटबंदी के बाद से बैंकिंग प्रतिष्ठानों में कैश बढ़ने से ?याज दर में कमी आई है। ऐसे में एक आम आदमी के लिए बचत का अच्छा विकल्प क्या हो? सोने के भाव में थोड़ी सी गिरावट इसे लंबी अवधि के लिए एक अच्छा निवेश का ऑप्शन है। पाटलिपुत्र सर्राफा संघ के अध्यक्ष विनोद कुमार का कहना है कि प्रत्येक वर्ष सोना खरीदें, जो कि बैंक में रखे बचत की रकम से अपेक्षाकृत ज्यादा रिटर्न देगा।

कितना सोना रख सकते हैं?

एक महिला को भ्00 ग्राम सोना बिना लेखा-जोखा के रखने पर पूछताछ नहीं की जाएगी। उसी तरह, पुरूष कोक्00 ग्राम और अविवाहित लड़की के ख्भ्0 ग्राम सोना के जेवर रखने पर इनकम टैक्स पूछताछ नहीं करेगा। इसके अलावा अगर कोई अपने बचत से प्रत्येक वर्ष ज्वेलरी रसीद सहित रखता है और इनकम टैक्स रिटर्न में दिखाता है तो उपर बताये गए छूट के अलावा जितनी अपनी बचत से सोना का जेवर खरीदे हैं और इनकम टैक्स डिपार्टमेंट को बताया है तो पूछताछ नहीं होगी।

सबके हित में बदलाव

बीते महीने ही राजस्व विभाग, सीबीडीटी (भारत सरकार) द्वारा जारी सर्कुलर नंबर ब्0 के अंतर्गत एक प्रावधान किया गया है। इसके तहत बताया गया है कि डिजिटल मोड से पेमेंट होने से ब्रिकी में स्वभाविक तौर पर बढ़ोतरी दिखेगा। इसकी तुलना इनकम टैक्स अधिकारियों द्वारा बीते वर्ष या किसी अन्य वर्ष से सामान्य स्थितियों में नहीं किया जा सकता है। इनकम टैक्स एक्ट, क्9म्क् के सेक्शन क्ब्7 के तहत पिछले अकाउंट से तुलना कर टैक्स पेयर से जबाव मांगने का प्रावधान को बेहद हल्का कर दिया है।

पहले कार्ड स्वाईप कम ही होता था, लेकिन आज कल लोग इस सुविधा का ज्यादा प्रयोग कर रहे हैं। चेक से भी पेमेंट हो रहा है।

अब तो ग्राहक भी काफी अवेयर हो रहे हैं।

- संजय केशरी, प्रोपराइटर राजरतन ज्वेलरी

कारोबार पर असर तो पड़ा है। इन दिनों सिर्फ जरूरत के मुताबिक ही खरीदारी हो रही है। नोटबंदी का असर है। मार्च के बाद ही स्थिति सामान्य होने की उम्मीद है।

- रवि राडिया, मैनेजर पीसी

ज्वेलर्स, बोरिंग रोड

नोटबंदी के ठीक बाद से कारोबार नगन्य हो गया था। बाद में स्थिति सुधरी और खरमास में फिर से कमी आ गई.पिछले साल इसी अवधि से देखें तो अंतर नहीं होगा।

- विनोद कुमार, अध्यक्ष पाटलिपुत्र सर्राफा संघ

Posted By: Inextlive