- जांच करने वाले निभा रहे चुनाव ड्यूटी

PATNA:

इन दिनों सब कुछ चुनावी है और इसमें कोई दूसरा काम महत्वपूर्ण नहीं है। यही वजह है कि फूड सेफ्टी जैसे महत्वपूर्ण काम भी चुनाव की भेंट चढ़ते नजर आ रहे हैं। गौरतलब है कि हर साल दीपावली से पहले शहर के मिठाई दुकानों और रिटेल डेयरी सेंटरों पर औचक निरीक्षण, सैंपल कलेक्शन और मौके पर फूड प्रोडक्ट्स में क्वालिटी एवं हाइजीन को लेकर पाई जाने वाली गड़बडि़यों पर कार्रवाई की जाती थी। लेकिन, इस बार अभियान नहीं हो रहा इस बात की पुष्टि पटना के फूड सेफ्टी ऑफिसर अजय कुमार ने की है। इस अभियान के लिए टीम काफी छोटी है और सभी चुनावी ड्यूटी में लगे हैं इस वजह से इस बार ऐसा करना मुश्किल है।

लगभग एक दर्जन छापेमारी हुई थी

बीते साल दीपावली से पहले अभियान के दौरान शहर के मिठाई दुकानों और डेयरी सेंटरों पर लगभग एक दर्जन कार्रवाई की गई थी सूत्रों के मुताबिक इसमें नकली मावा मिठाइयों में कलर मिलाने और इसके रखरखाव में फूड सेफ्टी के नियमों के प्रति लापरवाही पाई गई थी।

ऑफिस का हाल तो क्या करें उम्मीद

दैनिक जागरण आईनेक्स्ट फूड सेफ्टी ऑफिस जाकर मौजूदा स्थिति को नारकीय पाया। सिविल सर्जन ऑफिस परिसर में मौजूद फूड सेफ्टी का ऑफिस एक गैराज में चल रहा है जहां कई अलमीरा रखे हैं और एक क्लर्क के बैठने की जगह है जबकि इसी जगह फूड सेफ्टी ऑफिसर का भी कार्यालय है और उनके बैठने की जगह तक नहीं है। ऐसे में विभाग के काम का निपटारा किस तरह होता है अंदाजा लगाया जा सकता है। यहां फूड सेफ्टी की कार्रवाई से जुड़े डाटा भी उपलब्ध नहीं है। जब ऑफिस का ही हाल बेहाल है तो अभियान का क्या हाल होगा, अंदाजा लगाना मुश्किल है।

मोबाइल गाडि़यां है, लेकिन यूज में नहीं

फूड सेफ्टी डिपार्टमेंट बेहतर तरीके से छापेमारी का काम कर सके और लैब के काम में भी तेजी हो इसके लिए हाल ही में मोबाइल गाडि़यां उपलब्ध कराई गई हैं, लेकिन स्टाफ की कमी की वजह से यह गाडि़यां प्रयोग में नहीं आ रही है इस वजह से कम स्टाफ में भी औचक निरीक्षण करना और विभाग के काम करने में बाधा आ रही है।

कोलकाता जाता है सैंपल

हर साल फेस्टिव सीजन और अन्य दिनों में भी कभी कभार अलग-अलग प्रतिष्ठानों से सैंपल लिए जाते हैं। इन सैंपल को जांच के लिए लगभग 15 दिनों तक का इंतजार करना पड़ता है, क्योंकि यहां स्थानीय स्तर पर जांच की व्यवस्था नहीं है इस वजह से कार्यवाही हो जाने के बाद भी बेहतर तरीके से मामले को अंजाम तक पहुंचाना कठिन होता है।

Posted By: Inextlive