पटना के प्रमुख सड़क के नाम आज भी अंग्रेज अधिकारियों के नाम से है प्रचलित बेली रोड का नाम फाइलों बदला लेकिन प्रचलन में पुराना नाम ही जुबां पर

पटना (ब्यूरो)। पटना एक ऐतिहासिक शहर है और यहां भी कई महान स्वतंत्रता सेनानी हुए और राष्ट्रीय स्तर के नेता भी, लेकिन उनके नाम को वह सम्मान आज भी नहीं मिला जो अंग्रेज अधिकारियों के नामों को मिला है। हम बात कर रहे हैं पटना शहर के सड़कों के नामों की। शहर के विभिन्न सड़कों के नामों की, जो आज भी ब्रिटिश अधिकारियों के नाम पर ही प्रचलित है। जहां एक ओर पुराने नामों को आम लोग आज भी उसी नाम से बोलते और लिखते हैं। तो सरकार भी ऐसा ही कर रही है। बिहार सरकार ने गजट में नामकरण में नया नाम कर दिया जैसे बेली रोड को जवाहर लाल नेहरू पथ, लेकिन सरकारी आदेश, अध्यादेश और हर जारी किए जाने वाले आधिकारिक पत्र में भी पुराने नाम यानि अंग्रेज शासकों के नाम को ही दोहराया जा रहा है। इसलिए यह कहना अतिश्योक्ति नहीं होगी कि हम सभी अंग्रेजों के नाम से अभी भी आजाद नहीं हुए हैं। पेश है रिपोर्ट।

आजादी के 75 वर्ष और देश के विभूति
हम सभी गर्व के साथ आजादी का अमृत महोत्सव मना रहे है और शहर के प्रमुख सड़कों के नामों की बात करें तो इसमें अधिकांश अंग्रेजी शासकों के नाम पर ही नामकरण किया गया था जो कि आज भी प्रचलन में है। सर स्टूअर्ट बेली, लेफ्टिनेंट गर्वनर थे बंगाल के। चाल्र्स हार्डिंग भारत के गवर्नर जनरल थे। इसी प्रकार, और भी अंग्रेजों के बड़े नामों की लंबी लिस्ट है, जो कि यहां के सड़कों के नामकरण में अंकित किए गए। लेकिन ऐसे चंद नाम है, जो यहां के महान सपूत और देश के बड़े नेतृत्व करने वाले थे। इनमें कुछ नाम हैं डॉ राजेंद्र प्रसाद के नाम पर देशरत्न मार्ग, अर्थशास्त्र के रचयिता के नाम पर कौटिल्य मार्ग और अन्य सड़कों के नाम, जिसका नामकरण प्रारंभ से यही है।

प्रचलन ही सबकी जुबां पर
यदि किसी को फ्रेजर रोड के किसी ऑफिस में जाना हो और आप कहें कि मौलाना मजहरूल हक पथ जाना है तो रिक्शा वाला या ऑटोवाला समझ ही नहीं पाता है। वैसे ही यदि कोई पटना स्टेशन से बेली रोड जाए आप कहें कि नेहरू पथ जाना है तो भी यही स्थिति उत्पन्न हो जाएगी। इसलिए यह कहना कि नाम में क्या रखा है? यह प्रश्न ही इस मामले में उचित प्रतीत नहीं होता है। पटना जिला सुधार समिति के महासचिव राकेश कपूर ने इसे लेकर आपत्ति जताई कि सरकार ही नामों के साथ छेड़छाड़ कर रही है। उदाहरण के लिए पटना सिटी में कंगन घाट का नाम पहले चिमनी घाट था जो अब कंगन घाट के नाम से प्रचलित है। इसी प्रकार, पटना साहिब का नाम प्रचलित रूप से पटना सिटी है। नाम में बदलाव होना हो तो वह प्रचलन में प्रभावी रूप से आए।

Posted By: Inextlive