देश का पहला डाल्फिन रिसर्च सेंटर का पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री ने किया शुभारंभ

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- बिहार में सबसे अधिक 1465 गांगेय डाल्फिन, शो की कवायद

-2 से तीन किलोमीटर की कैनाल बनाई जाएगी गंगा या कोसी के पास

- सेंटर की पूरी कार्य योजना को लेकर जल्द होगी बैठक

PATNA : जल्द ही आप गंगा या कोसी के किनारे कैनाल में गांगेय डॉल्फिन को अटखेलियां करते देख रहे होंगे। साथ ही इनपर रिसर्च भी कर सकते हैं। बता दें कि राष्ट्रीय जल जीव घोषित गांगेय डॉल्फिन को संरक्षित करने की कवायद तेज हो गई है। इसको लेकर पटना साइंस कॉलेज में देश के पहले डॉल्फिन रिसर्च सेंटर का उद्घाटन हुआ। उद्घाटन राज्य के पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री नीरज कुमार ने किया। इस मौके पर उन्होंने कहा कि रिसर्च के लिए गंगा या कोसी नदी के पास दो-तीन किलोमीटर का कैनाल बनाया जाएगा। इसमें 10-15 डाल्फिन को रखकर उसकी हर गतिविधि पर रिसर्च किया जाएगा। साथ ही समुद्री डॉल्फिन शो की तरह गांगेय डॉल्फिन का शो आयोजित होगा। संभावना तलाशी जा रही है। इससे लोगों को रोजगार भी मिलेगा। मंत्री ने छात्र-शिक्षकों से रिसर्च सेंटर को लेकर राय भी मांगी। कहा कि डाल्फिन रिसर्च सेंटर की किसी प्रकार की परेशानी को एक सप्ताह के अंदर दूर किया जाएगा।

30 करोड़ से बनेगा नया भवन

इस अवसर पर प्रधान सचिव दीपक कुमार सिंह ने कहा कि डॉल्फिन रिसर्च सेंटर की नींव रखी गई है। 30 करोड़ से नया भवन बनेगा। सेंटर का कार्य कैसे किया जाए, इसको लेकर जल्द बैठक की जाएगी। कार्यक्रम का संचालन साइंस कॉलेज के प्रो। जीबी चांद ने और धन्यवाद ज्ञापन जुलॉजी विभागाध्यक्ष प्रो। अर¨वद कुमार ने किया। अतिथियों का स्वागत पटना विवि के डीन सह साइंस कॉलेज प्राचार्य प्रो। श्रीराम पद्मदेव ने किया।

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1994 से प्रयास को अब सफलता

डॉल्फिन मैन के नाम से विख्यात माता वैष्णो देवी विवि जम्मू के कुलपति पद्मश्री प्रो। आरके सिन्हा ने कहा कि शोध केंद्र के लिए 1994 से प्रयास कर रहा हूं। इसके लिए नेपाल, गोमुख, गंगा सागर, ब्रह्मपुत्र व विदेश का भ्रमण कर डाल्फिन की गतिविधियों को देख रहा हूं। लैब बनने से इसपर रिसर्च हो सकेगा। इसके जेनेटिक्स को लेकर भी शोध हो सकेगा।

हरसंभव सहायता

पटना विवि के कुलपति प्रो। गिरीश कुमार चौधरी ने कहा कि डॉल्फिन रिसर्च को लेकर विवि के पास 50 लाख रुपए हैं। जरूरत पर इसका उपयोग किया जा सकता है। राज्य प्रदूषण नियंत्रण पर्षद के चेयरमैन प्रो। अशोक घोष ने रिसर्च सेंटर को बोर्ड की ओर से हरसंभव सहायता देने का आश्वासन दिया।

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बिहार में सबसे अधिक डॉल्फिन

डॉल्फिन रिसर्च सेंटर के अंतरिम निदेशक व जुलोजिकल सर्वे ऑफ इंडिया के वैज्ञानिक गोपाल शर्मा ने बताया कि देशभर में सबसे अधिक गांगेय डॉल्फिन बिहार में हैं। 2018 में हुए सर्वेक्षण में 1465 डॉल्फिन की गिनती की गई थी।

कहां कितने डॉल्फिन

- बक्सर से मोकामा तक गंगा में 333

- मोकामा से मनिहारी घाट तक गंगा में 750

- त्रिवेणी बराज से पटना तक गंडक नदी में 125

- घाघरा नदी के बिहार एरिया में 55

- उत्तर प्रदेश में नदियों में 1245

- असम की नदियों में 960

- हुगली नदी में 266

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कई वन्य जीवों का होगा संरक्षण

डॉल्फिन रिसर्च सेंटर फिलहाल पटना साइंस कॉलेज स्थित पद्मश्री प्रो। आरके सिन्हा के लैब में चलेगा। इसमें काफी उपकरण हैं। सेंटर में कई अन्य वन्य जीवों का संरक्षण होगा। इसमें डॉल्फिन, घडि़याल, कछुआ, छल्ला, मंगोलिया, पेंटेड स्टोर्क, बड़ा एवं छोटा गरुड़, मगरमच्छ आदि वन्य जीवों का संरक्षण किया जाएगा।

Posted By: Inextlive