बलवाहाट थाना से प्राचीन विष्णु प्रतिमा बाबा कारु खिरहर संग्रहालय सहरसा मे जमा कर दी गई.


पटना (ब्यूरो)। 13 वर्ष से सहरसा जिले के बलवाहाट थाने में बंद भगवान विष्णु की मूर्ति को रिहा कर दिया गया। मंगलवार को डीएम सहरसा के निर्देश पर अंचलाधिकारी, सिमरी बख्तियारपुर रंजीत कुमार तथा बलवाहाट थाना के सहायक थानाध्यक्ष सत्यनारायण पासवान द्वारा बाबा कारु खिरहर संग्रहालय के कर्मचारी राजेंद्र महतो को विष्णु भगवान की प्राचीन मूर्ति हस्तगत करा दी गई है। यह मूर्ति 2009 ई में मिट्टी खुदाई के दौरान सिमरी बख्तियारपुर प्रखंडांतर्गत कांठो गांव से मिली थी। तत्कालीन थानाध्यक्ष द्वारा इसे बलवाहाट थाना के मालखाने मे रख दिया गया था। भागलपुर संग्रहालय के अध्यक्ष एवं बाबा कारु खिरहर संग्रहालय, सहरसा के प्रभारी डॉ। शिव कुमार मिश्र द्वारा एक पत्र लिखकर जिलाधिकारी, सहरसा से आग्रह किया गया था कि नियमानुसार इस मूर्ति को संग्रहालय में रखा जाना चाहिए.इसकी सूचना कला, संस्कृति एवं युवा विभाग के अपर सचिव सह निदेशक, पुरातत्व दीपक आनंद को भी दी गई थी। डॉ। मिश्र के अनुसार अपर सचिव द्वारा भी जिलाधिकारी से इस संबंध मे वार्ता हुई थी। डॉ। शिव कुमार मिश्र ने बताया कि यह विष्णु प्रतिमा बारहवीं तेरहवीं शताब्दी की प्रतीत होती है। कांठो गांव पुरातात्विक दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण स्थल है। मटेश्वरधाम मे अनेक पुरावशेष देखने को मिलती है.शिवलिंग विशाल है तथा पालकालीन प्रतीत होती है। अत्यधिक जल के प्रयोग से इसमें क्षरण आ गई है। जल प्रयोग पर विराम लगना आवश्यक है।सूर्य एवं विष्णु की कई मूर्तियां मिली है। डॉ। शिव कुमार मिश्र ने बताया कि साल 2021 मंदिर निर्माण के क्रम मे सूर्य की दो मूर्ति मिली थी जो सातवीं आठवीं शताब्दी की प्रतीत हो रही है.कोसी क्षेत्र के लिए यह सबसे प्राचीन मूर्ति एवं दुर्लभ उपलब्धि है.इसके अतिरिक्त एक सरस्वती की भग्न मूर्ति भी मिली है जो विष्णु मूर्ति की खंडित भाग है। इस प्रकार यहां शिवलिंग के अलावा सूर्य एवं विष्णु की अनेक मूर्तियां विभिन्न कालों की मिली हैं.समुचित ढंग से पुरातात्विक उत्खनन होने पर और भी महत्वपूर्ण पुरावशेष प्राप्त होने की संभावना है।यहां से प्राप्त पुरावशेष एवं प्राचीन मूर्तियां भारतीय कला इतिहास लेखन के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है। इस पुरास्थल को संरक्षित पुरास्थल के रुप मे अधिसूचित कर पुरातात्विक उत्खनन कराने की जरूरत है।

-मटेश्वरधाम के मूर्ति भी असुरक्षित
मटेश्वरधाम की सूर्य प्रतिमाओं को भी सुरक्षा की दृष्टि से अविलंब संग्रहालय मे रखे जाने की आवश्यकता है.अन्यथा कभी भी तस्करों द्वारा इन्हें गायब किया जा सकता है। बिहार की प्राचीन प्रतिमाओं पर अक्सर तस्करों की नजर लगी रहती है इसके लिये समाज एवं प्रशासन को अपने धरोहर के प्रति जागरूक होने की आवश्यकता है।

Posted By: Inextlive