-ज्ञानेंद्र सिंह ज्ञानू, नीरज कुमार बबलू, राहुल शर्मा और रवींद्र राय की विधायकी पटना हाईकोर्ट ने बहाल कर दी

-स्पीकर कोर्ट ने 1नवंबर को जेडीयू के बागी एमएलए की दल-बदल कानून के तहत विधान सभा की सदस्यता खत्म कर दी थी

PATNA: जेडीयू को चुनावी साल में बड़ा झटका लगा है। अनुशासन का डंडा कोर्ट में जाकर काफी कमजोर साबित हुआ। खासतौर से एक्स सीएम नीतीश कुमार की बड़ी हार के तौर पर इसे देखा जा रहा है। विधानसभा अध्यक्ष की भी किरकिरी हुई है। चार बागियों की विधायकी कोर्ट ने वापस कर दी है।

दल-बदल कानून के दायरे में नहीं आता

एक्स सीएम नीतीश कुमार के खिलाफ अभियान चला रहे बर्खास्त चारों एमएलए ज्ञानेंद्र सिंह ज्ञानू, नीरज कुमार बबलू, राहुल शर्मा और रवींद्र राय की सदस्यता पटना हाईकोर्ट ने बहाल कर दी है। हाईकोर्ट ने स्पीकर कोर्ट के फैसले के खिलाफ इन एमएलए की याचिका पर फैसला सुनाया और कहा कि राज्यसभा के उपचुनाव में बागी एमएलए की ओर से निर्दलीय उम्मीदवारों का समर्थन करना दल-बदल कानून के दायरे में नहीं आता है। स्पीकर कोर्ट ने क्नवंबर ख्0क्ब् को जेडीयू के बागी एमएलए की दल-बदल कानून के तहत विधान सभा की सदस्यता खत्म कर दी थी।

हाईकोर्ट ने इस लाइन पर फैसला दिया

हाईकोर्ट ने कहा है कि डेमोक्रेसी में मतभेद की पूरी गुंजाइश है और यह जरूरी भी है। कोर्ट ने कहा कि उपचुनाव में बागी विधायकों ने पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और राज्यसभा उपचुनाव में उम्मीदवार शरद यादव का विरोध नहीं किया था। इसका मतलब कोर्ट ने बताया है कि, ये विधायक पार्टी की नीतियों के खिलाफ नहीं थे और पार्टी में इनकी आस्था बनी हुई है। हाईकोर्ट ने साफ-साफ कहा कि स्पीकर कोर्ट का फैसला तथ्यों के परे था।

Posted By: Inextlive