PATNA: पटना जंक्शन पर व्हाइट प्लेट या पर्सनल परमिट की कार का यूज हो रहा कमर्शियल कार के रूप में.


व्हाइट नंबर प्लेट वाली कारों का ही यूज हो रहा टैक्सी में
लूटपाट की घटनाओं के बाद भी दर्ज नहीं होते मुकदमे

पटना जंक्शन पर टैक्सी सर्विस नहीं है। यदि आप किसी दूसरी सिटी से पटना आ रहे हैं और आप जंक्शन से कहीं भी जाने के लिए टैक्सी खोज रहे हैं, तो आपको निराशा ही मिलेगी। क्योंकि यहां टैक्सी सर्विस है ही नहीं। शायद आपको मेरी बातों पर यकीन नहीं हो रहा हो, लेकिन यह सच है। जंक्शन पर जो भी टैक्सी की कारें हैं, वे सभी प्राइवेट कारें हैं। सभी कारें व्हाइट प्लेट कारें हैं। इन कारों के कारण पीक आवर में जंक्शन के पोर्टिको में विजिटर्स को कार पार्किंग के लिए भी स्पेस नहीं मिलती है।

डिनाई कर जाते हैं ओनर
पिछले दिनों जंक्शन से पंकज ने मुजफ्फरपुर के लिए एक बोलेरो कार ली। रास्ते में उसके साथ ड्राइवर ने लूटपाट की। पर, जब वह जंक्शन पर मामला दर्ज करवाने आया, तो एक साथ उससे कई तरह के सवाल शुरू हो गए। पहले तो उससे टैक्सी या प्राइवेट कार होने के बारे में पूछा गया। किसी तरह जब उसने कार का नंबर जीआरपी को बताया, तब कार ओनर को बुलाया गया। कार ओनर ने अपनी कार को किसी टैक्सी के रूप में चलाने से इनकार कर दिया। पंकज को बिना मामला दर्ज किए चलता कर दिया गया। वहीं पटना के डीटीओ हरिहर प्रसाद भी इस पर अपनी सहमति जताते हैं कि कई अपहरण की घटनाओं में इस तरह के वाकये सामने आए हैं। ओनर अपनी कार के किसी भी तरह के कमर्शियल यूज से डिनाई कर जाते हैं।

नहीं मिलता कंपनसेशन
जब प्राइवेट कार से किसी का एक्सिडेंट होता है, तो पीडि़त पैसेंजर्स को इंश्योरेंस क्लेम भी नहीं मिलता। इसके लिए टैक्सी कार का होना कंप्लसरी है। राजधानी में कई ऐसे ट्रैवेल एजेंट्स भी हैं, जो व्हाइट नंबर प्लेट वाली कारों का यूज कमर्शियल कार के रूप में कर रहे हैं। येलो प्लेट कारें नहीं होने के कारण पैसेंजर्स के साथ ये मनमाने तरीके से किराए की वसूली तक कर रहे हैं.

Posted By: Inextlive