कचरा डंपिंग यार्ड के पास से गुजरना मुश्किल

पटना (ब्यूरो)। पटना के न्यू पाटलिपुत्र स्थित पानी टंकी के पास नगर निगम द्वारा कचरा डंप करने से सांस लेना मुश्किल है। इतना ही नहीं, उसके चारों ओर रहना और वहां से गुजरना भी कठिन है। जब से पटना नगर निगम द्वारा यहां कचरा डंपिंग यार्ड बनाया गया है तब से लोगों का जीना मुश्किल हो गया है। इसके चलते आसपास की बड़ी आबादी को आये दिन परेशानियों का सामना कर रही है। स्थानीय लोगों का कहना है कि पानी टंकी के पास कचरा डंप करने के चलते पूरे क्षेत्र का वातावरण प्रदूषित हो गया है इस रास्ते से गुजरना दूभर हो गया है। आते और जाते समय मुंह और नाक को ढक कर गुजरना पड़ता है। बदबू के चलते बच्चे और बुजुर्ग की तबीयत खराब होने लगी है।

दुर्गंध के बीच रहने को मजबूर
पटना शहर को स्मार्ट बनाने के लिए निगम प्रशासन की ओर से बहुत सारी योजनाओं पर कार्य किए जा रहे हैं। प्रतिदिन शहर की सफाई की जाती है, डोर-टू-डोर कचरा कलेक्शन भी किया जा रहा है। लेकिन आए दिन पटना के कई वार्डों में कचरा पसरा रहता है। प्रतिदिन हजारों टन घरों से निकलने वाले कचरे का संग्रह तो करते हैं। लेकिन कचरा उठाकर रिहाइशी इलाक़ा में लोगों के बीच डंप कर दिया जाता है। अब तो उसी दुर्गंध के बीच रहना मजबूरी है।

बीमारी फैलने का खतरा
पॉश इलाकों में कचरा डंपिंग यार्ड बनाए जाने से न सिर्फ वहां रहने वाले बल्कि बाइक से या पैदल पानी टंकी होकर गुजरते समय में परेशानी होती है। डॉक्टरों की मानें तो कचरे की वजह से बैक्टीरिया फैलने का खतरा है, जॉन्डिस और डायरिया जैसी बीमारियां हो सकती हैं। अगर कचरा सडऩे लगे तो इससे बनने वाले केमिकल और गैस से गंभीर बीमारी होने का खतरा होता है।

क्या कहते हैं पटनाइट्स
हमलोगों को यहां काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। कचरा डंपिंग से इतनी दुर्गंध आती है कि सांस लेना मुश्किल हो जाता है।
-प्रियंका सिंह, लोकल पब्लिक
रिहाइशी इलाके में कचरा डंप करना कहां तक सही है। पटना नगर निगम के कर्मी कचरा डंप कर चले जाते हैं और हमलोग पूरे दिन बदबू से परेशान रहते हैं।
-मालती देवी, लोकल पब्लिक


रास्ते से गुजरना मुश्किल हो गया है आने-जाने में मुंह और नाक ढक कर आवाजाही करना पड़ता है। बदबू के चलते बच्चे और बुजुर्ग की तबीयत खराब होने लगी है।
-सोहन सिंह, लोकल पब्लिक
निगम के कर्मियों से बार-बार गुहार लगाने के बावजूद निगम के जिम्मेदार हमारी नहीं सुनते। ऐसे में हमलोगों को कचरे से निकलने वाली बदबू के बीच रहना पड़ रहा है।
-रामनाथ यादव, लोकल पब्लिक

Posted By: Inextlive