- पिछले एक साल में 13,542 लोगों की मौत ट्रैक क्रॉस करने के दौरान हुई

- गवर्नमेंट या संस्थाएं कितना भी अवेयर कर लें, पब्लिक समझती ही नहीं

PATNA: दिन के क्ख्.फ्भ् बज रहे थे। ठीक एक दिन पहले जिस हत्यारिन ट्रेन ने पांच लोगों की जान ली थी, वही डीएमयू उसी प्लेटफॉर्म पर आने वाली थी। प्लेटफॉर्म नंबर चार के वेंडर आपस में बात करने लगे कि इसी ट्रेन से कल शाम पांच लोग कट गए थे। वेंडरों के गप में कुछ और लोग शामिल हो गए। गपशप में कुछ लोग यह मान रहे थे कि गलती आम लोगों की ही है, जो बिना देखे ही ट्रैक पार करते हैं। लंबे समय से एरिया में घूम-घूमकर फल बेजने वाले ललन कहते हैं कि बाकी सब तो ठीक है, पर पुलिस भी तो कुछ नहीं करती है, जिसे जहां से मन होता है घुस आता है। खैर, बातचीत चलने लगी ट्रेन स्टेशन पर आई-गई और आसपास के लोग पहले की तरह ट्रैक पार करते रहे, आते-जाते रहे।

पुलिस के नाक के नीचे इंक्रोचमेंट

राजेंद्र नगर टर्मिनल के देल्ही एंड के दोनों साइड पर लंबे समय से इंक्रोचमेंट है। जीआरपी ऑफिस के ठीक बगल में और रेलवे क्र्वाटर के पास दोपहर के बाद से देर शाम तक इंक्रोचमेंट लगा रहता है। कॉलोनी के पीछे ट्रैक के पास का यह एरिया है। बावजूद यहां कई सब्जी वाले, खोमचे वाले और कई अन्य लोग दिनभर अपने धंधे में लगे रहते हैं। शाम होते-होते पैसेंजर के अलावा खरीदार का फ्लो बढ़ जाता है। नतीजतन लोग अनऑथराइज तरीके से ट्रैक क्रॉस करते हैं। इंक्रोचमेंट के कारण रेल कॉलोनियों के लोग भी परेशान हैं। कॉलोनी वालों ने बताया कि इस रिगार्डिग कई बार रेल पुलिस को शिकायत भी लेकिन कोई सुनने वाला नहीं है। रेलकर्मी कहते हैं इंक्रोचमेंट के कारण हमलोग खुद को अनसेफ महसूस करते हैं।

प्लेटफॉर्म नंबर चार सबसे अधिक इंक्रोच्ड

प्लेटफॉर्म चार के पास स्थित टिकट काउंटर का एरिया सबसे अधिक इन्क्रोच्ड है। बुकिंग काउंटर के पास सब्जी से लेकर सीडी तक बेचे जाते हैं। शाम होते-होते लोगों की भीड़ बढ़ जाती है। लोहानीपुर की रहने वाली यशोदा कंकड़बाग में कई घरों में रोज सुबह-शाम खाना बनाने इसी रास्ते से जाती है। यशोदा बताती हैं कि एक शाम अपनी बेटी के साथ लौट रही थी। इसी बीच, सब्जी लेने लगी और बेटी ट्रैक पर चली गई, जिस पर ट्रेन आने वाली थी। यशोदा ने बताया कि भाग कर हमने बेटी की जान बचाई। आसपास के लोगों ने बताया कि हमने कभी नहीं देखा कि पुलिस के जवान कभी भी आम लोगों को इधर से जाने से मना किया हो।

सिर्फ पोस्टर प्रचार से क्या होगा?

भारतीय रेल सुरक्षा और संरक्षा को लेकर लगातार पहल करते रहती है। इसी क्रम में लोगों को जागरुक भी किया जाता है। रेलवे की ओर से पोस्टर-स्टीकर डिसप्ले, समय-समय पर सेफ्टी को लेकर अनाउंसमेंट आदि किया जाता है। इसके बाद भी घटनाएं होती रहती हैं। एनसीआरबी की रिपोर्ट की मानें, तो लास्ट ईयर रेल रिलेटेड एक्सीडेंट में पूरे देश में ख्7,भ्8क् लोग मारे गए थे। इनमें से क्फ्,भ्ब्ख् लोगों की मौत सिर्फ ट्रैक क्रॉस करने के क्रम में हुई। ट्रैक क्रॉस करते समय होने वाली घटनाओं को लेकर आम लोगों के साथ-साथ रेल पुलिस के जवान भी दोषी हैं। तमाम प्रचार-प्रसार के बाद भी अधिकांश मौकों पर देखा जाता है कि रेल पुलिस अनऑथराइज क्रॉसिंग को रोकती ही नहीं है। यही स्थिति राजेंद्र नगर टर्मिनल की भी है। वहीं, आमलोग भी इसके लिए जिम्मेवार हैं। बुधवार को हुई हृदयविदारक घटना के बाद भी ठीक अगले दिन उसी जगह से लोग धड़ल्ले से ट्रैक गलत तरीके से क्रॉस कर रहे थे।

Posted By: Inextlive