-10 किमी के लिए 2 हजार मांग रहे एंबुलेंस वाले

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PATNA: किसी की मजबूरी किसी के लिए मनमानी का जरिया बन जाता है। यह बात पढ़ने में कड़वी लग सकती है लेकिन आज हम ऐसी ही सच्चाई बताने जा रहे हैं, जिसे पढ़कर आप आश्चर्य में पड़ जाएंगे। पटना में हजारों कोरोना पेशेंट होम आइसोलेट हैं। ऐसे में अगर किसी की तबियत ज्यादा बिगड़ती है तो उन्हें हॉस्पिटल ले जाने के लिए एंबुलेंस की जरूरत पड़ती है। सरकारी एंबुलेंस मिलती नहीं है व प्राइवेट वाले लूटने लग जाते हैं। दैनिक जागरण आईनेक्स्ट के रिपोर्टर ने जब तीमारदार बनकर एंबुलेंस वाले का स्टिंग किया तब यह बात सामने आई कि एंबुलेंस संचालक लूट मचा रखी है। पढि़ए पूरी हकीकत।

दोगुना से भी ज्यादा किराया

कोरोना पेशेंट को हॉस्पिटल पहुंचाने के लिए दोगुना से भी ज्यादा किराया मांग रहे हैं। दैनिक जागरण आई नेक्स्ट की टीम पेशेंट का परिजन बनकर एक नामी प्राइवेट हॉस्पिटल के पास पहुंचा। वहां एक दर्जन से अधिक एंबुलेंस खड़ी थीं। एक एंबुलेंस का ड्राइवर पास आया और बोला कि कहां जाना है। जब उससे कहा गया कि राजीव नगर से पीएमसीएच जाना है। तो उसने पूछा किस तरह का पेशेंट है। जब बताया गया कि कोरोना पेशेंट है तो उसने कहा कि दो हजार रुपए लगेंगे। ऑक्सीजन के 3 सौ अलग से देने होंगे।

पीएमसीएच में सरगना राज पीएमसीएच में एंबुलेंस के सरगना का राज चलता है। पीएमसीएच में दैनिक जागरण आईनेक्स्ट की टीम ने एंबुलेंस ड्राइवर से बात की तो कहा कि भैया पेड़ के पास खड़े हैं। उनसे बात कर लीजिए। जब उससे कहा गया कि भाई कोरोना का पेशेंट है। उसे बेली रोड राजाबाजार ले जाना है। उसने कहा कि ढाई हजार रुपए लगेंगे। इससे कम नहीं लेंगे।

क्यों नहीं हो रही कार्रवाई

जबकि अस्पताल आए पेशेंट्स के परिजनों का कहना है कि एंबुलेंस संचालक मनमानी करते हैं। मजबूरी का फायदा उठाते हुए ज्यादा किराया मांगते हैं। आखिर इन्हें कौन संरक्षण दे रहा है। कोरोना की वजह से सभी लोग परेशान हैं। ऐसे में पुलिस-प्रशासन की ओर से इनके खिलाफ कार्रवाई क्यों नहीं होती। दूर से आने वाले लोग चाहकर भी इनका विरोध नहीं कर पाते हैं।

एंबुलेंस ड्राइवर और तीमारदार बने रिपोर्टर से बातचीत के अंश

ड्राइवर : कहां जाना है?

रिपोर्टर : राजीव नगर से पीएमसीएच।

ड्राइवर : हां, जाएंगे।

रिपोर्टर : कितना लगेगा?

ड्राइवर : किस तरह का पेशेंट है?

रिपोर्टर : कोरोना होने की आशंका है। जाकर जांच करानी है।

ड्राइवर : दो हजार रुपए लगेंगे।

रिपोर्टर : ज्यादा किराया मांग रहे हैं।

ड्राइवर : गाड़ी को सैनिटाइज करना पड़ता है। इसलिए आपको ज्यादा देने होंगे।

रिपोर्टर : आप तो मनमानी कर रहे हैं।

ड्राइवर : कहीं भी चले जाएं। इससे कम किराया कोई नहीं लेगा।

सरकारी एंबुलेंस में रेट तय है। प्राइवेट एंबुलेंस वाले मनमानी कर रहे हैं। इसके लिए संबंधित पक्षों को अवगत कराया जाएगा ताकि जरूरी कार्रवाई की जा सके।

-डॉ विभा कुमारी, सिविल सर्जन पटना

Posted By: Inextlive