महाकवि केदारनाथ मिश्र 'प्रभातÓ की 115वीं जयंती एवं पुस्तक लोकार्पण में जुटे साहित्य प्रेमी


पटना (ब्यूरो)। हिंदी साहित्य के कवि केदारनाथ मिश्र 'प्रभातÓ की 115वीं जयंती और प्रभात -समग्र(खंड-4)का भव्य लोकार्पण केदारनाथ मिश्र प्रभात फ़ाउंडेशन सह सर्व भाषा ट्रस्ट के द्वारा सफलतापूर्वक सम्पन्न हुआ। देश के कई प्रांतों से हिंदी के प्रखर हस्ताक्षर मंच पर सादर आमंत्रित थें। जिनमें पद्मश्री उषाकिरण खान ट्रस्ट के अध्यक्ष डॉ.अशोक लव,डॉ.मधु चतुर्वेदी, डॉ.सुमेधा पाठक, डॉ,वंदना वाजपेयी और आचार्य उमाशंकर सिंह प्रमुख रहें। साहित्य के ऐसे चमकते नक्षत्रों के कर कमलों द्वारा लोकार्पित समग्र 4 चमकते सूर्य की तरह मंच पर अपनी रोशनी बिखेर रहा था। कार्यक्रम का संचालन सर्व भाषा ट्रस्ट के प्रकाशक -लेखक केशव मोहन पांडेय ने किया। आचार्य उमाशंकर सिंह ने कहा कि महाकवि की तीन रचनायें ज्वाला, कालदहन,और कैकेयीऐसी कृतियां हैं जो उन्हें राष्ट्रकवि घोषित करनेवाली हैं! कैकेयी को राष्ट्रमाता कहनेवाला कवि राष्ट्रकवि ही हो सकता है।

मिशन साहित्य की चर्चा की


पद्मश्री उषाकिरण खान ने महाकवि की जयंती को स्मरण करते हुए उन्हें शब्दांजलि अर्पित किए।

उषाकिरण खान ने कहा कि उनकी कविताएं ओजपूर्ण होती थीं जो उनके पाठ करते ही मंच पर समां बांध देती थीं। वे। ट्रस्ट के अध्यक्ष डॉ.अशोक लवने ने कहा कि एक युग था जब साहित्य एक मिशन का रूप था, आज साहित्य व्यवसाय के रूप में छटपटा रहा है! ज्वाला की कविताओं जैसी जाग्रत झंकृत करने वाली कविताएं खोजनी पड़ती हैं। वरिष्ठ कवयित्री डॉ। मधु चतुर्वेदी ने महाकवि प्रभात को शब्दांजलि अर्पित की। आचार्य उमाशंकर सिंह ने भी अपना वक्तव्य रखा। अंत में फ़ाउंडेशन की अध्यक्ष रागिनी भारद्वाज ने श्रोताओं का आभार व्यक्त किया।

Posted By: Inextlive