-तेजस्वी पर भड़के नीतीश बोले, भाई जैसे दोस्त का बेटा है, इसलिए चुप रहते हैं, अब कार्रवाई होगी

-तेजस्वी ने नीतीश कुमार पर लगाए थे कापीराइट नियमों के उल्लंघन का आरोप

PATNA: 17वीं विधानसभा चुनाव की अंतिम सभा में सीएम नीतीश कुमार ने कहा था अंत भला तो सब भला। जिस पर लंबी बहस हुई थी, इधर विधानमंडल सत्र के आखिरी दिन फ्राइडे को भी विधानसभा में काफी हंगामा हुआ। पहली बार नीतीश कुमार काफी गुस्से में दिखे। नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव के बिगड़े बोल ने सीएम नीतीश कुमार को इतना आहत कर दिया कि उनका गुस्सा फूट पड़ा। हमेशा सवालों या आरोपों का संयम तरीके से जवाब देने वाले नीतीश ने सदन में ही तेजस्वी को खरी-खोटी सुना दी। उन्होंने नेता प्रतिपक्ष को पुत्र की तरह बताया और कहा कि अबतक इसलिए चुप हैं कि लालू प्रसाद हमारे भाई समान दोस्त हैं। किंतु अब कार्रवाई होगी। आप (तेजस्वी) चार्जशीटेड हैं।

असंसदीय बातों को हटाया

दरअसल, विधानसभा में दूसरी पाली में राज्यपाल के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव के दौरान तेजस्वी ने सीएम पर कई आरोप लगाए। उन्होंने नीतीश को हत्या के आरोपित से लेकर कापीराइट के नियमों का उल्लंघन करने वाला तक कहा। व्यक्तिगत टिप्पणी भी की। बोले कि मेरे माता-पिता (लालू प्रसाद और राबड़ी देवी) को बेटी विरोधी बताया। नीतीश ने कहा था कि बेटी पर भरोसा नहीं था, इसलिए 9 बच्चे पैदा किए। क्या नीतीश कुमार ने लड़की पैदा होने के डर से दूसरा बच्चा पैदा नहीं किया? हालांकि विधानसभा अध्यक्ष विजय सिन्हा ने तेजस्वी की असंसदीय बातों को कार्यवाही से हटा देने का निर्देश दिया। इस बीच करीब तीन मिनट तक हंगामा होते रहा।

अब चार्जशीटेड बर्दाश्त नहीं

तेजस्वी के आरोपों के जवाब में संसदीय कार्य मंत्री विजय कुमार चौधरी ने सदन में कोर्ट का वह आदेश पढ़कर सुनाया, जिसमें नीतीश पर किसी तरह के आरोप से इनकार किया गया है। फिर भी तेजस्वी शांत नहीं हुए और लगातार नीतीश कुमार पर आरोप लगाते रहे। कुछ देर तक नीतीश अपने स्थान पर बैठकर गंभीर होकर सबकुछ सुनते रहे, फिर भड़क उठे। खड़े होकर नीतीश ने तेजस्वी की ओर इशारा कर कहा, 'झूठ बोलता है ये'। मेरे भाई समान दोस्त का बेटा है, इसलिए सुनते रहते हैं। इसके पिता को किसने लोकदल का नेता बनाया? इसको उप मुख्यमंत्री किसने बनाया? सारे लोग एक-एक बात जानते हैं। हम बर्दाश्त करते रहते हैं। 2017 में जब इस पर आरोप लगे तो हमने कहा कि जाकर 'एक्सप्लेन' (सार्वजनिक रूप से अपना पक्ष स्पष्ट करना) करो। नहीं किया तो अलग हो गए। आज चार्जशीटेट हैं। अब बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। जांच होगी और कार्रवाई होगी।

Posted By: Inextlive