-फूडकोर्ट में खुलेंगे मल्टी ब्रांड्स के आउटलेट, नए कैंपस में खुश हैं स्टूडेंट्स

PATNA: आईआईटी पटना के न्यू कैंपस में खुले फूडकोर्ट में लिट्टी-चोखा से लेकर मल्टी ब्रांड फूड चेन की कई कंपनियां आउटलेट खोलने की तैयारी में हैं। रोल माफिया के साथ बातचीत लगभग फाइनल हो चुकी है। इसके अलावा पिज्जा हर्ट, केएफसी, मैक डोनाल्ड सहित मल्टी नेशनल ब्रांड की फास्ट फूड चेन की कई कंपनियां अपना आउटलेट खोलने के जुगाड़ में हैं। आईआईटी पटना कैंपस में म्7फ् स्टूडेंट बी टेक में, एम टेक में क्70 स्टूडेंट और ख्88 रिसर्च स्कॉलर पीएचडी कर रहे हैं, साथ ही 79 फैकल्टी मेंबर्स के अलावा नॉन टीचिंग स्टॉफ अपने फैमिली के साथ शिफ्ट कर चुके हैं। कैंपस में अगले साल तक कई नए डिपार्टमेंट में पढ़ाई शुरू होने से कैंपस का स्ट्रेंथ बढ़ेगा।

आईआईटीयंस का दिल बाग-बाग

बिहटा में न्यू कैंपस पाकर आईआईटियंस काफी खुश हैं। पटना में ख्008 में पाटलिपुत्रा कॉलोनी में आईटीआई कैंपस शुरू हुआ। क्फ् एकड़ के करीब छोटे से कैंपस में आईआईटी का ट्रांजिट कैंपस जुलाई ख्0क्भ् तक वर्किंग रहा। ख्भ् जुलाई को पीएम नरेंद्र मोदी ने बिहटा में भ्00 एकड़ में बने न्यू कैंपस का इनॉगरेशन किया। इसके साथ ही स्टूडेंट्स को अपना कैंपस मिल गया। बिहटा कैंपस पहुंचने पर स्टूडेंट्स जहां खुश हैं वहीं, पटना में मॉल, फास्ट फूड के चेन और मल्टी ब्रांड के शो रूम आदि की सुविधा से वंचित हो गए हैं।

साइक्लिंग पसंद कर रहे स्टूडेंट्स

बी टेक के स्टूडेंट्स अमर प्रभाकर बताते हैं कि पटना में ट्रांजीट कैंपस होने से कहीं जाने में परेशानी नहीं होती थी। कैंपस छोटा होने से आने-जाने के लिए वाहन की जरूरत नहीं पड़ती थी। कैंपस से बाहर ऑटो-बस आदि पब्लिक ट्रांसपोर्ट से कहीं भी आ-जा सकते थे। अब न्यू कैंपस में एक डिपार्टमेंट से दूसरे डिपार्टमेंट, लाइब्रेरी, हॉस्टल सहित अन्य जगहों पर जाने के लिए वाहन चाहिए। कैंपस में बस समय से चलती है। अमर बताते हैं कि इसलिए स्टूडेंट्स की पहली पसंद साइकिल बन गई है। करीब भ्0-म्0 स्टूडेंट्स साइकिल खरीद चुके हैं।

गर्व से कहेंगे सीनियर्स नहीं

बिहटा कैंपस में स्टूडेंट्स न्यू कैंपस मिलने से खुश हैं। राघव, अमर सहित फोर्थ ईयर के अन्य स्टूडेंट्स का कहना है कि हमें फाइनल ईयर में ही सही लेकिन अपना कैंपस तो मिला। हम पढ़ाई के बाद जब कभी वापस आएंगे या कहीं और भी हम गर्व से कह सकेंगे कि बिहटा में हमारा कैंपस है। ख्0क्ब् तक पास करने वाले सीनियर्स यह नहीं कह पाएंगे। उनका पाटलिपुत्रा स्थित अस्थाई ट्रांजिट कैंपस पहले किसी और का था। आईआईटी की ओर से कैंपस खाली होने के बाद शायद फिर किसी और का हो जाएगा।

Posted By: Inextlive