- सड़क सुरक्षा माह का आगाज, परिवहन मंत्री ने जागरूकता रथ को किया रवाना

-17 फरवरी तक पूरे बिहार में अवेयरनेस के साथ चलेगा वाहन चेकिंग अभियान

PATNA: स्कूलों में 9वीं और 10वीं के बच्चों के सिलेबस में सड़क सुरक्षा से जुड़ा चैप्टर होगा। इसके लिए शिक्षा विभाग को प्रस्ताव भेजा गया है। परिवहन विभाग ने वर्ष 2030 तक सड़क दुर्घटनाओं की संख्या आधी करने का लक्ष्य रखा है। यह बातें परिवहन मंत्री शीला कुमारी ने कही। वे मंडे को अधिवेशन भवन में सड़क सुरक्षा माह के उद्घाटन समारोह में बोल रही थीं। उन्होंने कहा कि सड़क हादसों में जान बचाने वाले मददगारों को पुलिस किसी तरह से परेशान न करें, इसकी व्यवस्था भी की गई है। ऐसे लोगों को 26 जनवरी को सम्मानित भी किया जाएगा। मौके पर मंत्री ने जागरूकता रथ को भी रवाना किया। परिवहन सचिव संजय अग्रवाल ने कहा कि 17 फरवरी तक हर दिन विभिन्न थीम पर जागरूकता कार्यक्रम चलाए जाएंगे। नियमों का उल्लंघन करने वाले वाहन चालकों पर कार्रवाई भी की जाएगी।

हर जिले में खुलेंगे ड्राइविंग ट्रेनिंग स्कूल

परिवहन सचिव ने कहा कि इस साल के अंत तक हर जिले में ड्राइविंग ट्रेनिंग स्कूल खोलने का लक्ष्य है। ट्रक-बस चालकों को रिफ्रेशर ट्रेनिंग भी दी जाएगी। विशेष शिविर लगा कर चालकों के स्वास्थ्य के साथ आंखों की जांच की जाएगी एवं जरूरत के अनुसार उन्हें मुफ्त चश्मा दिया जाएगा। राज्य परिवहन आयुक्त सीमा त्रिपाठी ने राज्य की सड़क सुरक्षा स्थिति एवं बिहार सड़क परिषद द्वारा किए जा रहे कार्यो की पावर प्वाइंट प्रजेंटेशन के जरिए प्रस्तुति देते हुए बताया कि साल दर साल सड़क हादसों में कमी आई है।

सड़क सुरक्षा के लिए हुए सम्मानित

सड़क सुरक्षा के क्षेत्र में बेहतर कार्य करने वाले बिहार सड़क सुरक्षा के सहभागियों और संस्था के प्रतिनिधियों को सम्मानित किया गया। इसमें सीआइडी के एडीजी विनय कुमार, एनसीसी के एडीजी मेजर जनरल एम इंद्र बालन, बीएसआरटीसी के प्रशासक श्याम किशोर, ट्रैफिक एसपी अमरकेश डी, एनएसएस के रिजनल डायरेक्टर पीयूष वी प्रांजपे, ट्रैफिक डीएसपी ओम प्रकाश चौधरी के साथ डॉ। राखी कुमारी, जीवन कुमार, डॉक्टर नेहा व लेडी ट्रैफिक कांस्टेबल और एनसीसी की टीम शामिल रहीं।

Posted By: Inextlive