30 मई को सीएम नीतीश कुमार करेंगे इनॉगरेशन मुंबई के मेरीन ड्राईव की तर्ज पर बना गंगा पाथवे

पटना (ब्यूरो)। दीघा से गांधी मैदान होते हुए अगर पटना सिटी जाना हो तो जाने से पहले लोग 10 बार सोचते हैं क्योंकि भयंकर जाम की समस्या झेलनी पड़ती है। महज एक मार्ग अशोक राजपथ से ही पटना सिटी जाने में करीब 45 मिनट लग जाते हैं। अब इससे जल्द मुक्ति दिलाने के लिए गंगा पाथवे तैयार है। हाईवे दो लेन में है और यह बन जाने से अशोक राजपथ का वैकल्पिक रास्ता मिलते ही 45 मिनट की यह दूरी घटकर महज 10 मिनट रह जाएगी। यानी दीघा से पटना सीटी महज 10 मिनट में पहुंच जाएंगे। सीएम नीतीश कुमार इस पाथवे का इनॉगरेशन 30 मई को करने जा रहे हैं। इससे पहले दैनिक जागरण आईनेक्स्ट की टीम ने गंगा पाथवे बनाने वाले बीएसआरडीसी के अधिकारियों से बातचीत की। गंगा पाथवे का जायजा लिया गया। आज आप भी पढि़ए कैसे मिलेगी जाम से मुक्ति

10 दिन पूरा करने का टास्क
दैनिक जागरण आईनेक्स्ट की टीम बीएसआरडीसी के अधिकारियों से जब बात की तो उन्होंने बताया कि एजेंसी को 10 दिन में कार्य पूरा करने का टास्क दिया गया है। दैनिक जागरण आईनेक्स्ट की टीम को जांच में पता चला कि लोकनायक गंगा पाथवे का निर्माण कार्य तेजी से चल रहा है। लेकिन दीघा बाजार के जाम से बचने के लिए लोग अभी से इसपर सफर करने लगे हैं। दीघा से 3.25 किमी की दूरी तय कर लोग एलसीटी घाट पहुंच रहे हैं। यहां बने डायवर्सन से राजापुर पुल के पश्चिम महावीर वात्सल्य हॉस्पिटल के सामने अशोक राजपथ पर निकलने के बाद कुर्जी और बोरिंग कैनाल रोड इलाके में जा रहे हैं। जेपी सेतु के 150 मीटर पूरब 50 मीटर का गोलंबर बनाने, राजापुर पुल पर टोल वाले 500 मीटर की दूरी में ढलाई, एनएन सिन्हा इंस्टीट्यूट जाने वाले डायवर्सन पर गिट्टी बिछाने के साथ ढलाई और पीएमसीएच के पास कनेक्ट करने का कार्य चल रहा है। अगले सप्ताह तक गंगा पाथवे से गांधी मैदान कनेक्ट हो जाएगा। यानी, दीघा से गांधी मैदान तक वाहन जाने लगेंगे।

अभी तक कितना हुआ है काम
दीघा से एनएन सिन्हा इंस्टीट्यूट तक डिवाइडर पर स्ट्रीट लाइट लग रही है। दोनों तरफ मिट्टी भरने का काम पूरा हो गया है। आधी सड़क पर लाइट लग चुकी है। अलकतरा की फाइनल पिचिंग हो रही है। कुछ जगहों पर फाइनल पिचिंग बाकी है। दीघा रोटरी और जेपी सेतु के बीच रेलवे द्वारा गाइड बांध है। इस गोलंबर से अटल पथ को मिलाने का काम तेजी से चल रहा है। रेलवे का बोल्डर हटाने के लिए बीएसआरडीसी और रेलवे के बीच बातचीत जारी है।

चार जगह बनेंगे ओवरब्रिज
दीघा से एनएन सिन्हा इंस्टीट्यूट के बीच 4 जगह फूट ओवरब्रिज और चार जगह बस बेज की सुविधा मिलेगी। इनमें जेपी सेतु गोलंबर, कुर्जी, राजापुर पुल और बांसघाट शामिल हैं। दीघा से एनएन सिन्हा इंस्टीट्यूट तक पाथवे की दोनों तरफ पांच-पांच मीटर चौड़ाई में 60 हजार पेड़ लगाए जाएंगे। इसके लिए मिट्टी भराई हो चुकी है। वहीं, पाथवे के उत्तर गंगा किनारे की तरफ से 5 मीटर चौड़ा पाथवे बनेगा। इसपर लोग सुबह-शाम टहल सकेंगे।

क्या है गंगा पाथवे परियोजना
दीघा से दीदारगंज तक 20.50 किमी लम्बी इस परियोजना की आवंटित राशि 3390 करोड़ की है। जिसमें एएन सिन्हा इन्स्टीट्यूट के पास से गायघाट, कंगनघाट होते हुए पटना घाट और धर्मशाला घाट से पुराने नेशनल हाई-वे दीदारगंज तक कुल 11.70 किमी एलीवेटेड रोड एवं कुल 8.80 किमी पथांश बांध पर है।

13 स्थानों पर अंडरपास
आम नागरिकों के धार्मिक एवं सामाजिक कार्य के लिए गंगा नदी के तट पर पहुंचने हेतु कुल 13 स्थानों पर अण्डरपास का निर्माण किया गया है। जिससे आम जन आसानी से अपने धार्मिक व सामाजिक दायित्व का निर्वहन गंगा तट पर कर सकेंगे।

मेरीन ड्राइव की तर्ज पर निर्माण
मुंबई मेरीन ड्राइव की तर्ज पर पटना में गंगा नदी के किनारे दीघा से दीदारगंज तक गंगा पाथवे की कल्पना 25 वर्ष पहले की गई थी। इस परियोजना को यथार्थ में तब्दील करने के लिए सीएम नीतीश कुमार ने बर्ष 2013 में इसका शिलान्यास किया था। अब 30 मई को उद्घाटन करेंगे।

पथ निर्माण मंत्री ने क्या कहा
बिहार के पथ निर्माण मंत्री नितिन नवीन ने कुछ दिन पहले निरीक्षण के दौरान पत्रकारों से कहा कि दीघा से गांधी घाट तक निर्माण कार्य तेजी से चल रहा है। जल्द ही आवागमन शुरू कर दिया जाएगा। उत्तर व दक्षिण बिहार जाने वाले वाहनों को सुविधा मिलेगी और पूरब में दीदारगंज से पश्चिम में दीघा तक अशोक राजपथ यातायात के दबाव से मुक्त होगा। पटना सिटी से दानापुर तक आने-जाने वाले नागरिकों को जाम से मुक्ति मिलेगी।

इन्हें होगा ज्यादा फायदा
गंगा पाथ-वे शुरू होने से से राजधानी में एक छोर से दूसरे छोर पूरब से पश्चिम के बीच अशोक राजपथ पर वाहनों के बढ़ते दबाव कम हो जाएंगे। आठ स्थानों पर लिंक रोड बनेंगे। अशोक राजपथ से सम्पर्कता के लिए एलसीटी घाट, एएन सिन्हा इस्टीट्यूट, पटना मेडिकल कॉलेज अस्पताल, कृष्णा घाट, गायघाट, कंगन घाट, पटना घाट और दीदारगंज में पुराने राष्ट्रीय उच्च पथ संख्या 30 से जोर दी गई है। पथ के प्रारम्भ में 5.90 किमी में पथ पटरी के अलावा दोनों छोर पर 5 मीटर की हरित पट्टी एवं गंगा नदी की ओर तट पर 5 मीटर के वॉकिंग ट्रैक का प्रावधान किया गया है। पीएमसीएच में पेशेंट के आवागमन के लिए विशेष रुप से 4 लेन की सड़क कनेक्टिविटी दी जा रही है। एम्स-दीघा पथ, जेपी सेतु एवं आर ब्लॉक-दीघा पथ से सम्पर्क के लिए दीघा छोर पर विश्व स्तरीय रोटरी का निर्माण किया जा रहा है जिससे इन तीनों मार्गों से आने वाले वाहन सुगमतापूर्वक गंगा पथ पर जा सकेंगे।

Posted By: Inextlive