PATNA : दैनिक जागरण आई नेक्स्ट की खबर रंग लायी। 'बेलगाम फीस' लोगों के साथ इस खबर में प्राइवेट स्कूलों की मनमानी के लिए इनके हथकंडों के बारे में पूरी सीरीज चलायी थी। इसकी शुरूआत गांधी मैदान स्थित क्राइस चर्च स्कूल के द्वारा फीस वृद्धि के मामले से की गई थी। मामले को लेकर जब आवाज उठी तो सरकार ने कमेटी का गठन कर दिया था। इस संबंध में पटना हाईकोर्ट में याचिकाकत्र्ता संजीव कुमार व अन्य ने पीआइएल दायर की थी। इसी मामले पर विगत क्9 जून को हाईकोर्ट ने सुनवाई की थी। तब सरकार ने समय मांगा था। इसका केस नंबर ष्टङ्खछ्वष्ट 8356/2016 है, जिसकी सुनवाई शुक्रवार को भी हुई। सीबीएसई एवं आईसीएसई से संबद्ध विद्यालयों में मनमानी फीस वसूली करने के मामले में पटना हाईकोर्ट ने राज्य सरकार से जवाब मांगा है।

चार हफ्ते की दी मोहलत

राज्य सरकार को चार हफ्ते की मोहलत दी गई है.अदालत ने पूछा है कि मनमानी फीस

फीस वसूलने वाले स्कूल संचालकों के खिलाफ अभी तक किस प्रकार की कार्रवाई की गई है।

फीस का विरोध

याचिकाकर्ता की ओर से आरोप लगाया गया है कि सूबे के विद्यालयों में शिक्षा के नाम पर लूट मची हुई है। इन प्राइवेट स्कूलों में अपने बच्चों को पढ़ाने वाले अभिभावक मनमानी फीस का विरोध नहीं कर पाते। विरोध करने पर उनके बच्चों को स्कूल से निकाल देने की धमकी दी जाती है। जबकि प्राइवेट स्कूलों द्वारा प्रतिवर्ष नामांकन कराने, किताब एवं स्कूल ड्रेस खरीदवाने के नाम पर मनमाने ढंग से पैसे वसूले जाते हैं। जानकारी हो कि ऐसे स्कूलों को नियंत्रण में रखने के लिए एक उच्च स्तरीय कमेटी गठित की गई है ।

Posted By: Inextlive