पुस्तक मेले में फैजाबाद लखनऊ व जम्मू पर आधारित पुस्तकों की मांगपेपरबैक पुस्तकों की खरीदारी पर 15 प्रतिशत की छूट

पटना (ब्यूरो)। पुस्तकों की ज्ञान गंगा से पाटलिपुत्र की धरती तृप्त हो रही है। गांधी मैदान में आयोजित पुस्तक मेले में पुस्तकों के कद्रदानों की भीड़ खूब उमड़ रही है। पुस्तक मेले में फैजाबाद, लखनऊ और जम्मू पर आधारित पुस्तकों की मांग है। वाणी प्रकाशन के स्टाल पर नदीम हसनैन की पुस्तक दूसरा अध्याय, यतीन्द्र मिश्र संपादित पुस्तक शहरनामा फैजाबाद , किरण कोहली नारायण की पुस्तक कश्मीर - वादी की असली कहानी समेत अन्य पुस्तकें पाठकों का ध्यान अपनी ओर आकर्षित कर रही है। राजकमल प्रकाशन के स्टाल पर बाबा नागार्जुन, दिनकर समेत बिहार के अन्य रचनाकारों की पुस्तक पाठकों का ध्यान खींच रही है।

दी जा रही पुस्तक मेंबरशिप
वाणी प्रकाशन की ओर से पाठकों के लिए पुस्तक मेंबरशिप की सुविधा दी जा रही है। प्रकाशन की ओर से जन सुलभ पाठक मंच योजना के तहत पांच सौ रुपये में मेंबरशिप मिल रही है। प्रकाशन के अधिकारी श्रीकांत अवस्थी ने बताया कि मेंबरशिप के बाद लाइफ टाइम पाठकों को पेपरबैक पुस्तकों की खरीदारी पर 15 प्रतिशत और हार्डबांड पुस्तक पर 25 प्रतिशत की छूट मिलती है। वहीं एक हजार रुपये की खरीदारी पर पाठकों को डाक व्यय नहीं लगता है। इस योजना का लाभ पुस्तक मेले में पाठक उठा सकते हैं। वहीं प्रतिमान पत्रिका के लिए भी सात सौ रुपये लग रहा है। वहीं मेले में लोगों का रुझान धार्मिक पुस्तकों की खरीदारी पर भी है। मेले में अखिल विश्व गायत्री परिवार की ओर से लगाए गए स्टाल पर बच्चों को मोटिवेट करने वाली पुस्तकों के साथ धर्म व अध्यात्म से जुड़़ी पुस्तकों की मांग है। गायत्री परिवार के संस्थापक पंडित श्रीराम शर्मा आचार्य द्वारा लिखित 32 सौ पुस्तकें यहां उपलब्ध है। वहीं मेले में कुरान, बाइबिल समेत अन्य धार्मिक पुस्तकों की खूब खरीदारी हो रही है।

पढऩे के लिए आमंत्रित करती है पुस्तकें -
पुस्तक मेले में जनसंवाद कार्यक्रम के दौरान स्क्रीन टाइम बनाम किताब विषय पर संगोष्ठी का आयोजन किया गया। लेखिका भावना शेखर ने कहा कि पुस्तकों के ऑनलाइन आ जाने से इनकी उपलब्धता बढ़ी है लेकिन पुस्तकें हमें पढऩे के लिए हमेशा आमंत्रित करती है। लेखक प्रभात रंजन ने कहा कि स्क्रीन टाइम ने विमुख होते बच्चों को भी वापस एकत्र किया है। आइपीएस अधिकारी सुशील कुमार ने कहा कि बच्चों में मोबाइल की लत काफी बढ़ रही है। जरूरत मोबाइल को छोड़ पुस्तक पढऩे की है। कार्यक्रम का संचालन नीलाद्री ने किया। वहीं शब्द साक्षी कार्यक्रम में संतोष दीक्षित और अंकित के बीच बातचीत हुई। संतोष ने कहा कि बहुत कम लोग ही अपने सपने को अपना प्रोफेशन बना पाते हैं।

Posted By: Inextlive