दम घोटू हवा में सांस लेना भी मुश्किल.

पटना (ब्यूरो)। ठंड के साथ ही राजधानी पटना में प्रदूषण का ग्राफ भी तेजी से बढ़ रहा है। शनिवार को रात आठ बजे ईको पार्क के आसपास की हवा बेहद खतरनाक कैटेगरी की दर्ज की गई। रात आठ बजे एसके मेमोरियल हॉल के मॉनिटरिंग स्टेशन ने एक्यूआई लेवल 799 रिकॉर्ड किया गया। यह चौंकाने वाला मामला है। क्योंकि शहर के हार्ट माने जाने वाले गांधी मैदान के पास यह एयर क्वालिटी बेहद खतरनाक कैटेगरी की दर्ज की गई है। डॉक्टरों के मुताबिक, यह दमघोटू और चिड़चिड़ापन बढ़ाने वाली स्थिति है। अलर्ट होने की बात यह है कि ठंड के दौरान इसकी स्थिति बिगड़ती ही जा रही है और सरकार के प्रदूषण नियंत्रित करने के दावे हवा-हवाई साबित हो रहे हैं। इसी प्रकार, अन्य मॉनिटरिंग स्टेशन पर एयर क्वालिटी बेहद खराब कैटेगरी यानि 400 से अधिक रिकॉर्ड किया गया।

एक्यूआई डेंजर लेवल पर
शनिवार की शाम पटना की एयर क्वालिटी इंडेक्स (एक्यूआई) सबसे खराब रही। इस दौरान अधिकांश मॉनिटरिंग स्टेशन पर एक्यूआई डेंजर लेवल पर दर्ज की गई। एसके मेमोरियल हॉल की स्थिति सबसे बदतर रही। यहां एक्यूआई 799 दर्ज किया गया। हालांकि, दिन में भी हवा की स्थिति खराब रही। सुबह 10 बजे सबसे खराब स्थिति राजवंशी नगर और तारामंडल की रही। यहां एक्यूआई क्रमश: 424 और 406 रिकार्ड किया गया। अन्य स्थानों पर भी खराब स्थिति रही। समनपुरा 390, मुरादपुर 345 रिकार्ड किया गया।

दिल्ली से भी बदतर हालात
देशभर में सबसे ज्यादा प्रदूषण की मार झेल रहे दिल्ली से भी ज्यादा प्रदूषित हवा रही। सेंट्रल पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड के डाटा के अनुसार, शनिवार को दिल्ली का एक्यूआई (हवा की गुणवत्ता) 316 रिकार्ड किया गया। इसी प्रकार, बिहार के पड़ोसी राज्य यूपी की राजधानी लखनऊ में यह महज 255 रिकार्ड किया गया। जबकि पटना की एक्यूआई 375 रिकार्ड की गई। विशेषज्ञों का कहना है कि मैदानी इलाकों में हवा की गति बेहद मंद होने और सतह के पास ही प्रदूषित हवा के जमे रहने के कारण अधिक प्रदूषण दर्ज हो रहा है।

बच्चों और बीमार को खतरा
पटना के विभिन्न हॉस्पिटल में सांस संबंधी बीमारियों के पेशेंट की संख्या में 60 से 70 प्रतिशत तक की वृद्धि दर्ज की गई है। पीएमसीएच के टीबी एवं चेस्ट डिपार्टमेंट में असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ। समरेंद्र कुमार झा ने बताया कि खराब हवा की वजह से लोग लंबे समय से खांसी से पीडि़त रह रहे हैं। बच्चों और पहले से बीमारियों से ग्रसित लोगों के लिए यह खराब समय है। यह इतना खराब है कि यदि कार का शीशा यदि बंद नहीं किया गया तो घर जाने पर नाक से काला कफ निकलता है। जिसमें बहुत डस्ट भी होता है।

ग्रेडेड रेस्पांश सिस्टम की कमी
एक लंबे अर्से से प्रदूषण को लेकर जागरूकता और तकनीकी कार्य कर रही संस्था सीड्स की ओर से बताया गया कि दिल्ली में एक्यूआई की बेहद खराब स्थिति थी। इसके लिए कारगर तरीके से ग्रेडेड रेस्पांश सिस्टम लागू किया गया। लेकिन पटना में इसका अभाव है। इसके कारण यहां प्रदूषण नियंत्रण के काम अधूरे ही है।

पूरा प्रदेश चपेट में
अभी पूरे प्रदेश की एयर क्वालिटी चिंताजनक स्तर पर बनी हुई है। सेंट्रल पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड की ओर से जारी डाटा के अनुसार, शनिवार को जारी डाटा के अनुसार, पटना का एक्यूआई 375 रिकार्ड किया गया। इसमें मुख्य प्रदूषण तत्वों में पीएम 2.5 और पीएम 10 का दर्ज किया गया। इसी प्रकार, मुजफ्फरपुर का एयर क्वालिटी 364, आरा 319, सहरसा 353 रिकार्ड किया गया। इसी प्रकार, बिहार के अन्य कई जिलों में भी हवा ज्यादा प्रदूषित रही।

पटना में प्रदूषण का हाल
पटना - एक्यूआई
तारामंडल - 406
समनपुरा- 390
राजवंशी नगर - 424
दानापुर - 357
मुरादपुर - 345
पटना सिटी - 387
(समय- शनिवार सुबह 10 बजे)


जल्द ही बिहार के लिए भी गे्रडेड रेस्पंाश सिस्टम को लागू किया जाएगा। सरकार इस दिशा में कार्य करने की दिशा में अग्रसर है। इससे प्रदूषण पर नियंत्रण लगाने में मदद मिलेगी।
- दीपक कुमार सिंह, प्रधान सचिव वन पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन विभाग, बिहार सरकार

Posted By: Inextlive