डीएसपी रंजीत कुमार रजक ने स्वजनों के नाम पर बनाई अवैध संपत्ति

पटना (ब्यूरो)। बिहार लोक सेवा आयोग (बीपीएससी) की 67वीं प्रारंभिक परीक्षा के पेपर लीक मामले में गिरफ्तार किए गए डीएसपी रंजीत कुमार रजक के चार ठिकानों पर शनिवार को आर्थिक अपराध इकाई (ईओयू) ने छापेमारी की। आय से अधिक संपत्ति मामले में कोर्ट से तलाशी आदेश लेने के बाद निलंबित डीएसपी के पटना के रूपसपुर थाना अंतर्गत नीति बाग कालोनी में किराये के आवास के साथ कटिहार के मनिहारी थाना अंतर्गत हंसवर गांव के पैतृक आवास व पेट्रोल पंप और अररिया के महादेव चौक स्थित रंजीत कुमार रजक की ससुराल में एक साथ ईओयू की टीम ने धावा बोला। इसमें पत्नी व मां के नाम पर तीन भूखंड, बहन के नाम पर पेट्रोल पंप, ससुर के नाम पर कार होने की जानकारी जांच टीम को मिली है। अब तक की जांच में ईओयू को आय से 81.9 प्रतिशत अधिक संपत्ति होने की जानकारी मिली है। ईओयू के अनुसार, रंजीत रजक ने अपनी पत्नी के नाम पर पटना के रूपसुपर थाना अंतर्गत धनौत मोहल्ले में 6.3 डिसमिल आवासी भूखंड 51 लाख रुपये में खरीदा जिसके स्टांप एवं निबंधन पर 4.91 लाख रुपये खर्च हुए। पत्नी के नाम पर ही कटिहार के मनिहारी में 29 डिसमिल और माता के नाम पर 28.5 डिसमिल का आवासीय भूखंड खरीदा गया है।

मनी लांङ्क्षड्रग के लिए खोला पेट्रोल पंप
ईओयू के अनुसार, निलंबित डीएसपी ने अवैध रूप से अर्जित धन के शोधन के लिए कटिहार के पैतृक गांव हंसावर में विवाहित बहन के नाम से हैप्पी फ्यूल सेंटर नाम से पेट्रोल पंप भी खोला है, जिसमें सारा निवेश रंजीत का ही है। रंजीत ने ससुर के नाम से टोयोटा इनोवा क्रिस्टा गाड़ी भी खरीदी है। इसके अलावा रंजीत और पत्नी के बैंक खातों में भारी मात्रा में नगद और चेक से रुपये जमा कराने की जानकारी भी मिली है। तलाशी के दौरान रंजीत के ठिकानों से कई महत्वपूर्ण दस्तावेज बरामद किए गए हैं, जिसकी जांच की जा रही है।

बिहार एसएससी परीक्षा में भी आरोपित रहा है रंजीत
ईओयू के अनुसार, रंजीत रजक बीपीएससी की 56वीं प्रतियोगिता परीक्षा पास कर 10 फरवरी, 2015 को डीएसपी बना। इसके पहले वह असम में सेंट्रल बैंक आफ इंडिया में प्रोबेशनरी अफसर था। बतौर अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी गया के नीमचक बथानी अनुमंडल में रंजीत की पोङ्क्षस्टग रही है। इसके बाद वर्ष 2020 में उसे बिहार विशेष सशस्त्र पुलिस-14 में बतौर डीएसपी पदस्थापित था। नौ मई को हुए बीपीएससी पेपर लीक मामले की जांच में डीएसपी की गिरफ्तारी की गई है, जिसके बाद से वह न्यायिक अभिरक्षा में है। इसके पहले भी रंजीत रजक बिहार एसएससी परीक्षा में गड़बड़ी का आरोपित रहा है। ईओयू के अनुसार, रंजीत रजक का आचरण और कार्य भ्रष्ट और संदिग्ध रहा है। लोक सेवा में आने से उसके पास पैतृक संपत्ति के अलावा कोई चल-अचल संपत्ति नहीं थी।

Posted By: Inextlive