-रेलवे ऑफिसर्स के घर के सामने ही लगा है कचरे का ढेर

-सीनियर डीएमओ कभी करते ही नहीं कॉलोनी का निरीक्षण

-कई लोग बीमारी की चपेट में, नाला साफ कर डाल दिया गया सड़क पर

PATNA: केंद्र सरकार की ओर से स्वच्छ भारत अभियान दो अक्टूबर को शुरू किया गया था, जिसके बाद झाड़ू लगाने का सिलसिला चल पड़ा। केंद्र की इस पहल के बाद भी पटना स्थित न्यू रेलवे कालोनी की स्थिति नारकीय है। आये दिन यहां रहने वाले बीमार पड़ते रहते हैं। कॉलोनी में एक स्टाफ क्वार्टर बनकर तैयार है। बताया गया कि दो चार दिन में ही जीएम साहब इसका इनॉगरेशन करेंगे। इसका असर यह हुआ कि कॉलोनी में झाड़ू-बुहारु कर दिया गया है। नालों की उड़ाही कर कचरा को सड़क पर सूखने के लिए डाल दिया गया है। उड़ाही इतने दिन बाद हुआ कि उससे निकले कचड़े में गाड़ी ही फंस गयी। कॉलोनी का पूरा नाला जगह-जगह जाम है। ड्रैनेज सिस्टम पूरी तरह खत्म हो चुका है। कॉलोनी के लोगों ने बताया कि हल्की सी बारिश से भी यहां घुटने भर पानी जम जाता है। यहां हर रोज सफाई के लिए छह लोगों को तैनात किया जाता है, लेकिन किसी भी दिन ढंग से सफाई नहीं होती है। इसका असर लोगों के स्वास्थ्य पर पड़ रहा है।

कॉलोनी में रहते हैं कई ऑफिसर्स

कॉलोनी में रेलवे के कई अधिकारी भी रहते हैं, बावजूद इसके यहां की गंदगी लोगों को आश्चर्य में डाल सकता है। कॉलोनी वासी कहते हैं कि अधिकारियों का क्या उनके घर तक गाड़ी जाती है। उन्हें क्या मतलब सड़क गंदी रहे या साफ। स्टेशन मास्टर, स्टेशन मैनेजर, पीडबल्यूआई, डीपो मैनेजर आदि यहीं रहते हैं। रेलवे के दोनों कर्मचारी संगठनों के उच्च अधिकारी भी यहां रहते हैं। इतने के बाद भी सफाई व्यवस्था लचर है। कल मिलाकर इस कॉलोनी में लगभग चार सौ लोग रहते हैं। ईस्ट सेंट्रल रेलवे मेंस कांग्रेस के कार्यालय सचिव कहते हैं कि जब भी किसी का इंस्पेक्शन होना होता है तो एक दिन पहले यहां सफाई हो जाती है। उसके बाद गंदगी ही गंदगी। इस बावत हमने कई दफे जीएम साहब को भी लिखा, लेकिन कोई एक्शन नहीं लिया गया। आश्चर्य यह है कि जिस बिल्डिंग में अधिकारी लोग रहते हैं ठीक उसके सामने कचरे का ढेर है।

कई हो चुके हैं डेंगू के शिकार

प्रोपर सेनिटेशन नहीं होने की वजह से अब लोग बीमार पड़ने लगे हैं। कॉलोनी में अब तक आठ लोगों को डेंगू हो चुका है। तीन बच्चे टायफाइड के शिकार हो चुके हैं। कॉलोनी फ्म् बी में रह रहे एक कर्मचारी ने कहा कि मेरे बच्चे को टायफायड हो चुका हैं, जिस वजह से इसकी परीक्षा छूट गयी। घर के सामने ही नाले की उड़ाही कर कचरा डाल दिया। लोगों ने यह भी कहा कि जो डॉक्टर इंचार्ज में हैं वे कभी सुध लेने भी नहीं आते कि कॉलोनी की स्थिति कैसी है।

साफ-सफाई तो होती ही है। कचरा सूखेगा तो उसे हटाया जाएगा। रही बात डेंगू की तो वो साफ पानी में होता है। पास में लाल जी टोला है जहां डेंगू के काफी मरीज हैं, जिससे यहां भी फैल रहा है। जहां तक सफाई की बात है तो हमने इंस्पेक्टर को चेंज कर दिया है।

डा। आई एन यादव, सीनियर डीएमओ

Posted By: Inextlive