PATNA :

कोरोनावायरस के संक्रमण से बचाव को लेकर शहर के सभी बड़े शिवालय और मंदिर आम श्रद्धालुओं के लिए बंद रहे, लेकिन गली-मोहल्लों के मंदिरों में श्रद्धालुओं की भीड़ दिखी। भगवान भोलेनाथ का जलाभिषेक कर मंदिर के द्वार पर रक्षासूत बांधा और कोरोना संक्रमण से मुक्ति के लिए प्रार्थना की। अंतिम सोमवारी को लेकर श्रद्धालुओं में उत्साह दिखा। सावन पूíणमा पर 29 वर्षों के बाद सर्वार्थ सिद्धि योग में रक्षाबंधन का पर्व मनाया गया। शिवालय बंद होने के कारण अधिकांश लोगों ने घर में ही भोलेनाथ की आराधना कर इस वैश्विक महामारी से निजात की प्रार्थना की।

सुखद जीवन की कामना की

बहनों ने अपने भाइयों की कलाई पर राखी बांध सफल एवं सुखद जीवन की कामना की। कोरोना महामारी के कारण सेफ्टी को देखते हुए दूर रहने वाले भाइयों का अपने बहन से और बहनों को भाई से मिलना संभव नहीं हो सका। कई बहनों ने ऑनलाइन वीडियो कॉल के जरिए भी इस पर्व को मनाया। कोरोना संक्रमण के बढ़ते प्रकोप से बचाव के लिए बहनों ने भाई को राखी बांधने के बाद मास्क भी पहनाए।

घरों में हुई सत्यनारायण की पूजा

श्रावणी पूíणमा पर घरों में भगवान सत्यनारायण की पूजा एवं कथा सुनी गई। पूजन के दौरान श्रद्धालुओं ने मास्क और सोशल डिस्टेंसिंग का भी बखूबी पालन किया।

दुर्लभ संयोग के बीच रक्षाबंधन

आचार्य राकेश झा ने बताया कि इस वर्ष सावन का आरंभ सोमवार से और समापन भी सोमवार को हुआ। सावन पूíणमा पर सोमवती पूíणमा, सावन का अंतिम दिन के साथ सर्वार्थ सिद्धि योग, आयुष्मान योग, प्रीति योग, श्रवण नक्षत्र का पुण्यकारी योग बना था। इस योग में पूजा, आराधना, शुभ कार्य आदि करने इसका फल बहुत जल्दी सिद्ध होता है। धाíमक मान्यता है कि सावन में शिव अपने ससुराल पृथ्वी लोक आते है। पूíणमा को वापस कैलास पर्वत पर लौट जाते हैं।

Posted By: Inextlive