आईआईटी कॉन्वोकेशन में छात्रों को गेस्ट ने दिए सक्सेस टिप्स शेयर किया एक्सपीरियंस

पटना (ब्यूरो)। आपके आसपास के लोग आपको कमजोर बना सकते हैं। क्योंकि वे खुद को रीइनवेंट कर बाजार की प्रतिस्पद्र्धा में बने रहते है लेकिन आप कहीं पीछे छूट सकते हैं। इसलिए खुद को रिइनवेंट करते रहें। यह जरूरी नहीं है कि जो आपने सीखा है वह जीवन भर काम आएगा। समय की जरूरतों के मुताबिक उसे अपडेट करें। तभी आप प्रतिस्पद्र्धा में न केवल बने रहेंगे बल्कि आगे भी बढेंगे। ये बातें बुधवार को आईआईटी पटना के नौवें कॉन्वोकेशन सेरेमनी के दौरान मंच से चीफ गेस्ट जलज ए। दानी ने स्टूडेंट्स से कही। जलज ए। दानी एडवर्ब टेक्नोलॉजी लिमिटेड के प्रेसिडेंट हैं। आगे उन्होंने अपने एड्रेस में कहा कि आप इंस्टीट्यूट से निकलकर अब अपने लिए प्रोफेशनल और पर्सनल लाइफ के लिए च्वाइस तय कर सकते है। उम्मीद करना चाहिए कि खुद के लिए आप अच्छा, बेहतर और सर्वोत्तम के स्तर को आगे बढ़ाएंगे। इससे पहले सेरेमनी का दीप प्रज्ज्वलन के साथ शुभारंभ किया गया। सभी का स्वागत आईआईटी पटना के डॉयरेक्टर प्रोफेसर टी.एन। सिंह ने किया। इस मौके पर सभी फैकल्टी मेंबर, बीओजी मेंबर्स और सीनेट मेंबर्स भी उपस्थित रहे।

सक्सेस और रिस्क साथ-साथ
चीफ गेस्ट जलज ए। दानी ने आगे कहा कि सक्सेस और रिस्क एक ही सिक्के के दो पहलू हैं और साथ -साथ चलते हैं। इन दोनों को बेहतर तरीके से कंट्रोल में रखते हुए ही आप प्रगति करते रहते हैं। लेकिन यह सहज नहीं है, यह तो आपकी प्रतिभा पर निर्भर करता है। खुद के लिए एक्सट्रा ऑडिनरी करने के लिए आपको हार्डवर्क करना है। जितना अच्छा हार्ड वर्क, उतना ही आप अपना लक तय करेंगे। आगे उन्होंने लीडरशिप और पर्सनालिटी डेवलपमेंट पर भी बात की। उन्होंने कहा कि अच्छा लीडर अपने टीम को न केवल लीड करता है बल्कि खुद के इगो को भी बेहतर तरीके से कंट्रोल करता है। इससे पहले उन्होंने सभी डिग्री होल्डर स्टूडेंट्स को बधाई दी।


समाज होगा लाभान्वित
आईआईटी पटना के बोर्ड ऑफ गवर्नर्स के प्रमुख डॉ आनंद देशपाण्डेय ने अपने अभिभाषण की शुरुआत मंच पर उपस्थित गणमान्य आतिथियों के स्वागत से की। उन्होंने कहा कि ये दिन छात्रों के जीवन में एक विशेष उपलब्धि है। आगे छात्र-छात्राओं के उज्जवल भविष्य की भी उन्होंने कामना की। उन्होंने विश्वास जताया कि 'उद्यमिता और नवाचारÓ पर आईआईटी पटना ने अकादमिक स्तर पर जो जोर दिया है। उन्होंने बीटेक में दोहरी डिग्री जो आईआईएम मुंबई के सहयोग से संवर्धित की जा रही है, आर्टिफीसियल इंटेलिजेंस में स्नातकोत्तर स्तर के कार्यक्रम और विश्लेषण टेक्नोलॉजी इनोवेशन हब के सहयोग से चल रहा है, से समाज को विशेष लाभ मिलेगा।

डिफेंस मेंं भी उज्जवल भविष्य
सेरेमनी के गेस्ट ऑफ एवं भारत सरकार में रक्षा मंत्री के वैज्ञानिक सलाहकार डॉ। जी। सतीश रेड्डी ने पीएम के मेक इन इंडिया की विस्तार से चर्चा की और कहा कि इस कार्यक्रम से स्वदेश में ही कई महत्वपूर्ण चीजों के निर्माण में अभूतपूर्व सफलता मिली है। खास तौर पर रक्षा क्षेत्र में भी भारत आत्मनिर्भरता की ओर बढ़ा है। उदाहरण के तौर पर लाइट वेट कौम्बैट एयरक्राफ्ट का निर्माण हुआ। स्वदेशी तोपों (155 मिलीमीटर लम्बी दूरी तक मार करने वाली) की भी टेस्ट की जा चुकी है। विक्रांत जैसे कैरियर जहाज भी भारत में बन रहे हैं। उन्होंने खुशी जताया कि अब पीएचडी में शोध के लिए भी छात्र-छात्राएं आईआईटी आ रहे हैं। भारत ड्रोन बनाने का गढ़ बनता जा रहा है। सेरेमनी मेंं इंजीनियरिंग, विज्ञान एवं समाज शास्त्र की अलग अलग विधाओं में ये डिग्रीयां सिविल, एनवायरमेंटल इंजीनियरिंग , कंप्यूटर साइंस, इलेक्ट्रिकल, मैकेनिकल, गणित, भौतिकी, रसायन एवं बायोकेमिकल इंजीनियरिंग, ह्यूमनीटीज, सोशल साइंस, मेटलर्जीकल, मैथ्स एंड कंप्यूटिंग, तथा मेकाट्रोनिक्स जैसे विषयों में डिग्री दी गयी। पहली बार पीएचडी में 100 से अधिक छात्रों को डिग्री दी गई।

आईआईटी के मेधावी
राष्ट्रपति का स्वर्ण पदक - पुष्पेश कुमार, कंप्यूटर साइंस एवं इंजीनियरिंग
निदेशक का स्वर्ण पदक - किशन कुमार सिंह, इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग
चेयरमैन का स्वर्ण पदक - आदित्य कुमार (सीबीई)
आर्यभट्ट स्वर्ण पदक - मनमोहन साहू (गणित)

Posted By: Inextlive