-सैकड़ों गांवों में घुसा पानी, सीतामढ़ी में रेड अलर्ट

-मधुबनी के झंझारपुर में कमला लाल निशान से ऊपर

MUZAFFARPUR: लगातार हो रही बारिश से बिहार की सात नदियां खतरे के निशान से ऊपर बह रही है। चंपारण, सीतामढ़ी, मधुबनी और मुजफ्फरपुर जिले के सैकड़ों गांवों में बाढ़ का पानी घुस गया है। पश्चिम चंपारण में गंडक का जलस्तर 2.39 लाख क्यूसेक मापा गया। प्रशासन ने निचले क्षेत्र के लोगों से ऊंचे स्थानों पर शरण लेने को कहा है। मसान नदी ने 20 जगह कटाव किया है। नौतन प्रखंड के छरकी, बरियारपुर, शिवराजपुर, पासवान टोली, बीन टोली और विश्वंभरपुर में पानी घुस गया है। लोग बेतिया- गोपालगंज मार्ग के किनारे आशियाना बना रहे हैं। बच्चों के साथ नाव से बरियापुर के पास मुख्य पथ पर पहुंच रहे हैं। योगापट्टी प्रखंड के मंधातापुर में 250 घरों में पानी घुस गया है। लोग सुरक्षित ठिकाने की तलाश में हैं।

पंचायतों का संपर्क भंग

पूर्वी चंपारण में बागमती और लालबकेया नदी का पानी पताही प्रखंड के निचले क्षेत्रों में फैल गया है। कई पंचायतों का प्रखंड मुख्यालय से संपर्क भंग हो गया है। रक्सौल अनुमंडल के दर्जनों गांवों के खेतों में पानी फैल रहा है। धान की फसलें डूब गई हैं। छौड़ादानो में दुधौरा नदी में बंगरी का पानी मिलने से पुराना तटबंध टूट गया।

सीतामढ़ी में रेड अलर्ट जारी

मधुबनी जिले के झंझारपुर में कमला बलान खतरे के निशान से 2.35 मीटर ऊपर है। लोग एनएच- 57 पर शरण लिए हुए हैं। समस्तीपुर जिले में बूढ़ी गंडक और गंगा नदी के जलस्तर में वृद्धि हो रही है। कल्याणपुर प्रखंड के निचले इलाके में खेतों में बागमती का पानी बह रहा है। सीतामढ़ी में बागमती समेत सभी नदियां उफान पर रहीं। सुप्पी, बेलसंड, परिहार और सोनबरसा प्रखंडों की 20 पंचायतों के पांच दर्जन से अधिक गांवों में पानी घुसा है। जिले में रेड अलर्ट जारी है। इंजीनियर्स की छुट्टियां रद कर दी गई हैं। एसडीआरएफ के साथ प्राइवेट और सरकारी नावों का इंतजाम किया गया है। शिवहर में बागमती खतरे के निशान से 1.5 मीटर ऊपर है।

सड़क पर बह रहा पानी

दरभंगा जिले के सैकड़ों गांवों के लोग घर खाली कर सुरक्षित स्थानों पर पहुंच गए हैं। मुजफ्फरपुर में बागमती, लखनदेई और मनुषमारा नदी के जलस्तर में वृद्धि जारी रही। कटरा प्रखंड के दर्जनभर गांवों में बागमती का पानी फैल गया है। कटरा-बसघट्टा मुख्य सड़क पर तीन फीट पानी बह रहा है। औराई प्रखंड के चार सौ घर पानी से घिरे हैं। आवागमन के लिए नाव का ही सहारा है।

Posted By: Inextlive